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REET Verification Scam: मीडिया के हाथ लगे बड़े सबूत, देखिए कैसे हुआ ये घोटाला ?

राजस्थान में शिक्षकों के लिए आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा के बाद होने वाले सत्यापन में बड़े घोटाले के सबूत मीडिया के हाथ लगे हैं. सबूतों से साफ है कि किस तरह से इस परीक्षा में कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थी को मेरिट लिस्ट में शामिल किया गया.

Published: April 25, 2022 8:30 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Vikas Jangra

REET Verification Scam: मीडिया के हाथ लगे बड़े सबूत, देखिए कैसे हुआ ये घोटाला ?

राजस्थान में शिक्षकों के लिए आयोजित होने वाली पात्रता परीक्षा यानि रीट (REET) में बड़े स्तर पर सत्यापन का घोटाला (REET Verification Scam) हुआ. अब इसका खुलासा भी हो गया है. सत्यापन का ये ऐसा सच है, जो अब जी मीडिया आपको बताने जा रहा है. गौरतलब है कि रीट में हुए भ्रष्टाचार से जुड़े दस्तावेज अब जी मीडिया ग्रुप के हाथ लगे हैं. जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे लाखों बेरोगजर लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया. अब सवाल है कि ये कौन लोग हैं जो लोगों के भविष्य से खेल रहे हैं. आखिर कैसे ये लोग इस भ्रष्टाचार के खेल में शामिल हैं.

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खास बात ये है कि इन दस्तावेजों में ये भी खुलासा हुआ है कि रीट लेवल वन में कटऑफ से बाहर रहने वाला कैंडिडेट भी, कैसे मेरिट लिस्ट में जगह बना लेता है. ‘ऑपरेशन वेरिफिकेशन’ में सिलसिलेवार तरीके से सबूत के तौर पर सभी दस्तावेजों के साथ सत्पायन के दौरान होने वाले गड़बड़झाले को बताने जा रहे हैं.

सबसे पहले बात करते हैं उस कैंडिडेट की, जिसके दस्तावेज जी मीडिया ग्रुप के पास हैं और उनसे भ्रष्टाचार के इस खेल का खुलासा हुआ है. कैंडिडेट का भरा फॉर्म नंबर है- 70045559 और नाम है कालू राम मीणा. पिता का नाम- नारायण मीणा और मां का नाम राम बाई मीणा है. कैटेगरी ST, विशेष योग्यजन यानि डिफरेंटली एबल्ड पर्सन-No, ये फॉर्म खुद दौसा के रहने वाले कैंडिडेट ने ही भरा है. जिसमें उसने अपनी पूरी जानकारी दी है. लेकिन जब कैंडिडेट कालू राम मीणा का प्रोविजनल एडमिशन कार्ड देखते हैं तो रोल नंबर जारी किया गया है, वो है 293004794. इसमें भी पिता का नाम नारायण मीणा और मां का नाम राम बाई मीणा लिखा है. कास्ट कैटेगरी यहां भी ST है. कैंडिडेट कालू राम मीणा ने रीट लेवल 1 की परीक्षा दी. लेवल 1 के मार्क्स जारी कर दिए गए. मार्क्स शीट में कालू राम मीणा की सारी डिटेल यानि फॉर्म नंबर 70045559, पिता, माता का नाम और रॉल नंबर वही है, जो पहले था. अब आगे बारी थी सत्यापन यानि वेरिफिकेशन की. इसके लिए कैंडिडेट कालू राम मीणा ने दौसा में आयोजित हुए दस्तावेज सत्यापन शिविर में हिस्सा लिया. एप्लीकेशन आईडी 202218249163 के सीरियल नंबर 3 के आधार पर 16 मार्च 2022 को दस्तावेज सत्यापन हुआ और यहीं पर यानि की वेरिफिकेशन में ही सारा खेल हो गया.

जब निदेशालय की ओर से कटऑफ जारी की गई, तो सबकुछ बदल गया
रोल नंबर 293004794 और मार्क्स 150 में से 144. कालू राम मीणा को पहले जारी मार्क्स शीट में 150 में से 90 नंबर आए, लेकिन सत्यापन के बाद जारी मार्क्सशीट में 150 में से 144 नंबर हो गए. आखिर ऐसा कैसे हुआ. अचानक ये 54 नंबर अधिक कैसे हो गए. यही नंबर लेकर जो फाइनल रिजल्स जारी किया गया. दरअसल, जो फाइनल फॉर्म जारी हुआ उसमें कालू राम मीणा, जनरल कैटेगिरी से था और साथ ही उसे दिव्यांग भी बताया गया. उसके फॉर्म पर स्पेशल कैटेगरी में BL/LV यानि दोनों पैरों से दिव्यांग और लो विजन यानि दृष्टि बाधित होना शामिल था.

कालू राम मीणा ने जो फॉर्म भरा था, तो उस वक्त उसने डिफरेंटली एबल्ड में NO लिखा था, लेकिन सत्यापन के बाद जो लिस्ट जारी की गई, उसमें नंबर तो बढ़ा ही, साथ ही लिखा गया BL/LV यानि डिफरेंटली एबल्ड में हो गया. इन सबकी बदौलत कैंडिडेट कालू राम मीणा का मेरिट नंबर 20वां बन गया. यानि लेवल वन के सत्यापन में ऐसी कौन सी बात हो गई कि सारी चीजें बदल गई ? इन्हीं सवालों के जवाब सरकार को ढूंढने चाहिए. क्या ये इस बात का संके नहीं कि रीट के वेरिफिकेशन में भ्रष्टाचार हुआ है.

(इनपुट-ब्यूरो)

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Published Date: April 25, 2022 8:30 PM IST