
यूक्रेन-रूस युद्ध की मार अब सरकारी विकास कामों पर भी, दाम बढ़ने से कच्चा माल हुआ महंगा, फिर से टेंडर छोड़ने की मांग
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अब भारत में भी विकास कार्यों पर असर पड़ने लगा है. भारत में भी कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जिसके चलते विकास कार्यों पर अब ब्रेक सा लग गया है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद महंगाई की मार पूरी दुनिया झेल रही है.इसका असर अब राजस्थान सरकार के करोड़ों के प्रोजेक्ट्स पर भी दिखाई देने लगा है. पेयजल प्रोजेक्ट में काम आने वाले मैटेरियल के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं. इसलिए अब राजस्थान की चिलचिलाती भीषण गर्मी में महंगाई की मार विकास को चिढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. राजस्थान में करोड़ों के पेयजल प्रोजक्ट चल रहे हैं. जिसमें सबसे ज्यादा केंद्र सरकार का जल जीवन मिशन है. लेकिन पाइप, स्टील, सीमेंट, समर सिविल पंप के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं. ऐसे में जिन प्रोजेक्ट्स का टेंडर यूक्रेन-रूस संघर्ष के पहले हुआ था. उन प्रोजेक्ट्स पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
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युद्ध के बाद मैटेरियल महंगे होने के बाद महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकार द्वारा सभी अनुबंधों में दरों को बढ़ाया गया है. राजस्थान में मैटेरियल के दाम तो बढ़ गए लेकिन अनुबंधों की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं. ऐसे में अब राजस्थान के कई प्रोजेक्ट्स को बंद करने की तैयारी कर रहे हैं. पीएचईडी कॉन्ट्रेक्टर यूनियन के अध्यक्ष सतीश दाधीच का कहना है यदि अनुबंधों की दरें नहीं बढ़ाई गई तो कठोर कदम उठाए जाएंगे. संवेदकों का कहना है कि अनुबंधों की समय सीमा को भी 6 महीने बढ़ाया जाए ताकि महंगाई की मार झेल रहे प्रोजेक्ट को कुछ समय मिल पाए.
(इनपुट- आशीष चौहान)
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