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मोबाइल मेडिकल वैन में भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा, वायरल ऑडियो में सामने आया डिप्टी सीएमएचओ मीणा का सच

मोबाइल मेडिकल वैन में उजागर हुए भ्रष्टाचार के मामले में अब एक और बड़ा खुलासा हुआ है. यहां डिप्टी सीएमएचओ केके मीणा की भूमिका को लेकर एक वायरल ऑडियो में बड़ा खुलासा किया जा रहा है.

Published: March 25, 2022 7:27 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Vikas Jangra

मोबाइल मेडिकल वैन में भ्रष्टाचार पर बड़ा खुलासा, वायरल ऑडियो में सामने आया डिप्टी सीएमएचओ मीणा का सच

Mobile Medical Van Scam: ग्रामीण क्षेत्रो में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मेडिकल मोबाइल वैन में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ था. जिसे हमारे सहयोगी चैनल जी राजस्थान ने प्रमुखता से उठाया था. उसके बाद सीएमएचओ द्वारा एक जांच कमेटी बना दी गई. लेकिन उस जांच कमेटी के समक्ष एमएमवी यूनिट का संचालन करने वाली संस्था के प्रतिनिधि ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. जिसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ है. ऑडियो में जिले के पांच ब्लॉक में सीएमएचओ के ही रिश्तेदार द्वारा एमएमवी यूनिट चलाने की बात सामने आई है. आरोप लग रहे हैं यह सब सीएमएचओ के दबाव में घपला हो रहा था और जिले के 7 ब्लॉक सीएमएचओ के रिश्तेदार को दे रखे थे. हालांकि सीएमएचओ इसे बेबुनियाद बता रहे हैं. वहीं इस मामले को खोलने वाले डॉक्टर अरविंद गेट को बाड़मेर ट्रांसफर करा देने की धमकियां भी मिल रही हैं.

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दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रो में चिकित्सा सुविधाओं के लिए मोबाइल मेडिकल वैन चलाने वाली सीकर जिले की संस्था गुरुकृपा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर प्रा.लि. को जिले के 14 ब्लॉक में यह सर्विस देने का ठेका दिया गया था. जिसमें प्रत्येक ब्लॉक में हर माह लगने वाले कैम्प के लिए एक लाख 32 हजार रुपये का भुगतान किया जाता था. एक माह में बीस कैम्प लगाये जाते हैं. कैम्प में एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और नर्सिंग कर्मी एवं लैब टेक्नीशियन द्वारा सर्विस दी जाती है. यह कैम्प वहां लगाए जाते हैं, जहां सीएचसी और पीएचसी की सुविधा नहीं है. लेकिन जी राजस्थान ने खुलासा किया कि यहां सिर्फ कैंप लगाने के नाम पर खानापूर्ति हो रही थी न कि कैंप लगाए जा रहे थे.

जब यह मामला गरमाया तो डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर महेश बैरवा और आरसीएचओ ने कैम्प का औचक निरीक्षण किया. देखने में कैम्प के निर्धारित मापदंडों में न तो डॉक्टर मिल पाए, न फार्मासिस्ट. कैम्प में फर्जी मरीजों की लिस्ट बनाकर दवाओं का वितरण दिखाया गया था. यहां तक कि लिस्ट के आधार पर जब घर-घर जाकर मरीजों से जानकारी ली गई तो उन्होंने कैम्प में जाने की बात को नकार दिया. इसी तरह जिले के 7 ब्लॉक में यही हालात नजर आए. अनेकों जगहों पर तो कैम्प लगे ही नहीं थे. जहां लगे वहां सिर्फ औपचारिकता नजर आई जबकि इसका फिजिकल रिपोर्ट के बिना लाखों के बिल पास हो रहे थे.

सुनिए वायरल ऑडियो

भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद इस मामले की जांच के लिए सीएमएचओ ने डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर के के मीणा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई. इस जांच कमेटी के समक्ष गुरुकृपा संस्था के प्रतिनिधि ब्रजेश शर्मा को बुलाया गया, जिसमें समिति अध्यक्ष डॉक्टर के के मीणा, डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर महेश बैरवा और आरसीएचओ डॉक्टर अरविंद गेट भी शामिल थे. इसमे संस्था से जुड़े ब्रजेश शर्मा को बुलाकर पूरी जानकारी ली गई तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए. फिलहाल, इस पूरी बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है. जिसमें सामने आया है कि सीएमएचओ के कहने पर पांच ब्लॉक का काम उनके रिश्तेदार रामलखन मीणा को दे दिया था. यह सारा मामला सीएमएचओ की जानकारी में भी था. अब इस मामले में सामने आए वायरल ऑडियो में सीएमएचओ की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं. इस मामले में एक रिपोर्ट इन तीन अधिकारियों ने शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं को भेजा है. जिसमें इस पूरे मामले की गम्भीरता से जांच कराए जाने की बात कही है.

रिकॉर्डिंग में डॉक्टर अरविंद गेट यह भी बता रहे हैं कि इस मामले के बाद रामलखन मीणा ने उन्हें ट्रांसफर करवा देने की धमकी भी दी. फिलहाल, इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट बनाकर डिप्टी सीएमएचओ डॉक्टर केके मीणा, डॉक्टर महेश बैरवा और आरसीएचओ डॉक्टर अरविंद गेट ने शासन सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा निदेशालय को भेजी है. वहीं इस मामले में सीएमएचओ डॉक्टर ओपी मीणा का कहना मेरा रामलखन नामक व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है, न ही उसके कोई बिल पास कराए हैं. यह सब आरोप निराधार हैं.

(इनपुट-जुगल किशोर गांधी)

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