Top Recommended Stories

Mamata Banerjee: CM ममता बनर्जी की कहानी में है संघर्ष, भोजन के लिए कभी बेंचने पड़े थे दूध

ममता बनर्जी अपनी शिक्षा के दिनों से ही वह राजनीति से जुड़ गई थीं. कहते हैं कि 1970 के दशक में उन्हें राज्य महिला कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था. वे इस दौरान कॉलेजी में पढ़ाई कर रही थीं.

Updated: January 5, 2021 10:24 AM IST

By Avinash Rai

Mamata Banerjee: CM ममता बनर्जी की कहानी में है संघर्ष, भोजन के लिए कभी बेंचने पड़े थे दूध
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee

Birthday Special Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आज जन्मदिन है. बंगाल जैसे राज्य को चला रही इस महिला नेता ने कई मौकों पर खुद की शक्ति से लोगों को वाकिफ कराया है. दीदी सादा जीवन जीने में विश्वास रखती है. अपनी जीवनशैली के कारण ही वह राजनीति में अलग पहचान भी रखती हैं. बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान एक बात जो हमेशा खुलकर सामने आती रही है वह यह कि किसी भी पार्टी में ममता बनर्जी के कद का नेता मौजूद नहीं है. ममता बनर्जी अपने मुखर बोली के लिए भी जानी जाती है. जहां लोग उनका सम्मान भी करते हैं और कर बार उनपर कटाक्ष भी करते हैं लेकिन उम्र के एक पड़ाव पर पहुंचने के बाद राजनीति में सक्रिय भूमिका कैसे निभाई जाती है, दीदी से यह कला सभी राजनीतिक दल के नेताओं को सीखनी चाहिए. बता दें कि ममता बनर्जी का जन्म 5 जनवरी 1955 को कोलकाता में हुआ था.

Also Read:

ममता बनर्जी अपनी शिक्षा के दिनों से ही वह राजनीति से जुड़ गई थीं. कहते हैं कि 1970 के दशक में उन्हें राज्य महिला कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था. वे इस दौरान कॉलेजी में पढ़ाई कर रही थीं. ममता बनर्जी के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. लेकिन जब ममता बनर्जी छोटी थीं, उसी दौरान उनके पिता की मौत हो गई थी.

बता दें कि ममता के समर्थक, करीबी हों या धुरविरोधी सभी उन्हें दीदी ही कहकर बुलाते हैं. बता दें कि ममता बनर्जी को देश की पहली महिला रेल मंत्री बनने का गौरव प्राप्त है. यही नहीं वे केंद्र सरकार में कोयला, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, युवा मामलो और खेस के साथ ही महिला व बाल विकास मंत्री भी रह चुकी हैं. बता दें कि ममता बनर्जी के ख्याति उस समय और बढ़ गई जब पश्चिम बंगाल में पिछले 34 सालों से जड़े जमा चुकी वामपंथी पार्टी का सफाया ममता बनर्जी ने साल 2011 में किया था.

बता दें कि इस ऐतिहासिक जीत के बाद ममता बनर्जी को खूब प्रसिद्धि मिली साथ ही उन्हें साल 2012 में टाइम मैगजीन ने उन्हें विश्व के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में स्थान दिया था. ममता बनर्जी के बारे में कहा जाता है कि जब उनके पिता की मौत हुई तब वे छोटी थीं. ऐसे में जीवन जीने के लिए दूध बेचना भी पड़ा साथ ही उनके भाई-बहनों के पालन पोषण के लिए अपनी मां का हाथ बटाया जिसमें केवल दूध बेचना ही काम था.

ममता बनर्जी दक्षिण कोलकाता के जोगमाया देवी कॉलेज से इतिहास ऑनर्स की डिग्री की है. इसके बाद ममता बनर्जी ने इस्लामिक इतिहास में मास्टर डिग्री कलकता विश्वविद्यालय से ली. इसके बाद उन्होंने श्रीशिक्षायतन कॉलेस से बीएम की और कोलकाता स्थित जोगेश चंद्र चौघरी कॉलेज से कानून की पढ़ाई की और फिर राजनीति में अपने कदम को इतनी मजबूती से जमाया कि आज पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के कद का किसी भी पार्टी में कोई भी नेता नहीं है.

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें स्पेशल की और अन्य ताजा-तरीन खबरें