Karnataka hijab row: जानिए क्या है हिजाब मामले की पूरी ABCD, कहां से शुरू हुआ बवाल और कब क्या हुआ
Karnataka hijab row: जानिए क्या है हिजाब मामले की पूरी ABCD, कहां से शुरू हुआ बवाल और कब क्या हुआ
कर्नाटक हिजाब विवाद के बारे में तो आपने सुना ही होगा. इस विवाद की गूंज संसद तक में सुनाई दी है और यह मामला लगातार राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है. मंगलवार 8 फरवरी को इस पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई भी होनी है. क्या आप इस विवाद को पूरी तरह से जानते हैं? अगर नहीं भी जानते तो यहां जानें यह विवाद कब और क्यों शुरू हुआ और कब इसमें क्या अपडेट हुआ.
Karnataka hijab row: मंगलवार 8 फरवरी को कर्नाटक हाईकोर्ट में पांच लड़कियों की एक याचिका पर सुनवाई होगी. यह लड़कियां कर्नाटक के उडूपी में एक सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं. इन लड़कियों ने कॉलेजों में हिजाब पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ याचिका दायर की है. यदि कर्नाटक में हिजाब विवाद (Karnataka hijab row) के इतिहास में जाएं तो यह इसी साल की शुरुआत यानी 1 जनवरी 2022 से शुरू हुआ है. उडूपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ लड़कियां हिजाब पहनकर गईं और उन्होंने हिजाब पहनकर ही कक्षाएं लीं.
हिजाब का यह मामला जंगल में आग की तरह फैला और फिर देखते ही देखते पूरे कर्नाटक के कई स्कूलों में मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर पहुंचने लगीं. पक्ष है तो विपक्ष का होना भी जरूरी है. हिजाब पहनकर आने वाली मुस्लिम लड़कियों के विरोध में बहुत सी हिंदू छात्र भगवा शॉल (Saffron Shawl ) पहनकर स्कूल आने लगे. यह विवाद अब काफी आगे बढ़ चुका है, चलिए इस विवाद को गहराई से जानते हैं…
हिजाब विवाद के बारे में जानें सब कुछ
नए साल और हिजाब विवाद की शुरुआत एक साथ ही हुई. कर्नाटक के उडूपी में शनिवार 1 जनवरी 2022 को कुछ मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें एक सरकारी स्कूल में हिजाब पहनकर आने पर रोक दिया गया. उनका आरोप था कि हिजाब पहने होने के कारण उन्हें क्लासरूम में नहीं आने दिया गया. मुस्लिम लड़कियों का आरोप था कि स्कूल की प्रिंसिपल ने उन्हें हिजाब पहनकर क्लासरूम में नहीं आने दिया. प्रिंसिपल का तर्क था कि कक्षा में एकरूपता (uniformity in classrooms) बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया.
हिजाब का जवाब भगवा शॉल से – जब मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर क्लासरूम में आने दिया गया तो इसके बाद यह विवाद और बढ़ गया. कर्नाटक के ही कोप्पा जिले में कुछ हिंदू छात्र इसके विरोध स्वरूप भगवा शॉल ओढ़कर स्कूल पहुंच गए. इन छात्रों का कहना था कि अगर बलागाड़ी गांव के सरकारी कॉलेज में मु्स्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर क्लास में एंट्री मिल सकती है तो हमें भी भगवा स्कार्फ के साथ एंट्री मिलनी चाहिए. ऐसा ही एक विरोध प्रदर्शन 6 जनवरी 2022 को मंगलोर के कॉलेज में भी हुआ.
हिजाब विवाद से निपटने के लिए बुधवार 19 जनवरी को छात्रों, उनके माता-पिता, सरकारी कर्मचारियों और उडूपी के पीयू कॉलेज के मैनेजमेंट के बीच एक बैठक हुई. हालांकि, इस बैठक में शामिल होने वाले लोगों के अनुसार इसमें कोई फैसला नहीं लिया जा सका. इसके अगले ही दिन पांच लड़कियों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. उन्होंने हिजाब पहनकर कक्षाएं लेने की अनुमति नहीं दिए जाने के खिलाफ पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया.
विवाद इतनी जल्दी थमने वाला कहा थां 26 जनवरी को कर्नाटक सरकार ने क्लासरूम में हिजाब पहनने से जुड़े इस विवाद को सुलझाने के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया. घोषणा की गई कि जब तक कमेटी की तरफ से कोई सिफारिश नहीं आ जाती तब तक सभी छात्रों को एक जैसी स्कूल यूनिफॉर्म का पालन करना होगा.
कोर्ट पहुंच गया मामला – 31 जनवरी को उडूपी की मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक रिट पिटीशन दायर की. इस याचिका में कहा गया कि हिजाब पहनने को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए. याचिका में कहा गया है कि भारतीय संविधान अंतरात्मा की स्वतंत्रता और धर्म को मानने, अभ्यास करने व प्रचार करने के अधिकार की गारंटी देता है.
इस बीच बुधवार 2 फरवरी को राज्य के शिवमोगा जिला स्थित भद्रावती में हिजाब विवाद पहुंच गया. यहां कुछ छात्रों ने हिजाब पहनकर कक्षा में आने वाली छात्राओं के खिलाफ प्रदर्शन किया. 4 फरवरी को आरोप लगा कि कुछ हिंदूवादी संगठन पीयू कॉलेज के हिंदू छात्रों को भगवा शॉल पहनने पर मजबूर कर रहे हैं. खबरों के अनुसार मुस्लिम लड़कियों के कक्षा में प्रवेश से पहले हिजाब हटाने के बावजूद हिंदू लड़कों को भगवा पहनने पर मजबूर किया गया. हालांकि, प्रिंसिपल ने हिंदू संगठनों को ऐसा करने से रोका.
इसी दिन यानी 4 फरवरी को तमिलनाडु के धर्मपुरी लोकसभा क्षेत्र से डीएमके सांसद संथिल कुमार ने कर्नाटक हिजाब मामले को संसद में उठाया. उन्होंने प्रश्न किया कि हिजाब पहनकर छात्राओं को कक्षा में आने से क्यों रोका जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में तुरंत कदम उठाने की मांग की.
शनिवार 5 फरवरी को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसावराज बोमई ने हिजाब पर सरकार के स्टैंड को लेकर प्राइमरी और सेकेंडरी एजुकेशन मिनिस्टर बीसी नागेश और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस मीटिंग के बाद सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस संबंध में हाईकोर्ट का आदेश आने तक मौजूदा यूनिफॉर्म नियमों का पालन करने का आदेश दिया.
अब इस मामले में पांच मुस्लिम लड़कियों की याचिका पर मंगलवार 8 फरवरी को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है.
कर्नाटक के उडूपी जिले के कुंडापुर कस्बे में हिजाब और भगवा शॉल विवाद को लेकर चाकूबाजी के आरोप में पुलिस ने 5 फरवरी को दो लोगों को हिरासत में लिया.
सोमवार 7 फरवरी को भी तीन मुस्लिम लड़कियां उडूपी जिले में कोटेश्वरा कस्बे में कलावरा वरदराज गवर्मेंट कॉलेज में हिजाब पहनकर आईं. इसके विरोध में कुछ अन्य छात्रों ने भगवा शॉल पहनकर विरोध प्रदर्शन किया. हालांकि, प्रिंसिपल ने छात्रों को भगवा शॉल पहनकर न आने के लिए मनाया और मुस्लिम लड़कियों को भी हिजाब हटाने के लिए मना लिया. इसके बाद हिजाब पहनी हुई तीनों लड़कियां कॉलेज से बाहर आ गईं. सोमवार को ही मांड्या जिले में भी कई छात्र भगवा शॉल पहनकर आए और उन्होंने जय श्रीराम के नारे भी लगाए.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें देश की और अन्य ताजा-तरीन खबरें
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.