
आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार, जानें राजकीय अंत्येष्टि का क्या मतलब है?
लता मंगेशकर का रविवार को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. बेमिसाल आवाज की धनी रहीं लता मंगेशकर के गाए गाने सुनकर कई पीढ़ियां बड़ी हुई हैं. रविवार सुबह उनके निधन की खबर आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. घर पर अंतिम दर्शनों के बाद आज शाम उनका मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

What does state-funeral mean: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. बेमिसाल आवाज की धनी रहीं लता मंगेशकर के गाए गाने सुनकर कई पीढ़ियां बड़ी हुई हैं. रविवार सुबह उनके निधन की खबर आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. घर पर अंतिम दर्शनों के बाद आज शाम उनका मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (State Funeral) किया जाएगा. लता मंगेशकर को कोविड-19 (Coronavirus) के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पिछले काफी दिनों से वह अस्पताल में ही भर्ती थीं.
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राजकीय अंत्येष्टि का क्या मतलब है?
(What does state-funeral mean) राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्ति का अंतिम संस्कार पूरे राजनकीय सम्मान के साथ किया जाता है. इसे राजकीय अंत्येष्टि कहा जाता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय इसके लिए राजपत्र अधिसूचना जारी करता है. अंतिम संस्कार की सभी व्यवस्थाएं रक्षा मंत्रालय द्वारा की जाती हैं.
जब किसी व्यक्ति की राजकीय अंत्येष्टि की जाती है तो इस दौरान देश और विदेशों में स्थित भारतीय उच्चायोग व दूतावसों में भी राष्ट्र ध्वज को आधा झुका (Flag Code Of India) दिया जाता है. जिस व्यक्ति की पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि होती है उनके पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे से लपेटा जाता है. दिवंगत व्यक्ति को पूर्ण सैन्य सम्मान दिया जाता है और मिलिट्री बैंड ‘शोक संगीत’ बजाता है. यही नहीं दिवंगत हस्ती को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है.
ज्ञात हो कि भारत की आजादी के बाद पहली बार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई है. हाल के दिनों में सीडीएस जनरल बिपिन रावत व अन्य सैन्य अधिकारियों की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु के बाद उनका भी राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था.
राष्ट्रीय शोक क्या होता है
दुनिया के लगभग सभी देशों में राष्ट्रीय शोक एक ही तरीके से मनाया जाता है. जिस व्यक्ति ने राष्ट्र के लिए कुछ महत्वपूर्ण योगदान दिया हो उसके निधन पर दु:ख और शोक व्यक्ति करने के लिए राष्ट्रीय शोक मनाया जाता है. भारत में राष्ट्रीय शोक की अवधि आमतौर पर 1-7 दिन की होती है. स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है.
जिस व्यक्ति के निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है, उसका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है. केंद्र सरकार राष्ट्रीय शोक की घोषणा करती है और एक राजपत्र अधिसूचना काली पट्टी के साथ जारी की जाती है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज को भी आधा झुका (National mourning flag fly at half mast) दिया जाता है.
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