
N Biren Singh: फुटबॉलर रह चुके हैं एन बीरेन सिंह, कांग्रेस से BJP में हुए थे शामिल; मणिपुर के CM के बारे में कितना जानते हैं आप
N Biren Singh Profile: एन बीरेन सिंह मणिपुर (Manipur BJP CM Face 2022) के बड़े राजनीतिक चेहरों में से एक हैं. एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने मणिपुर की हेनगांग (Heingang) सीट पर साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. इस सीट पर वह लगातार चार बार से विधायक हैं.

N Biren Singh Profile: मणिपुर में विधानसभा चुनाव (Manipur Assembly Election 2022) का ऐलान हो गया है. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होना है. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. मणिपुर में भाजपा, कांग्रेस, TMC के साथ कई क्षेत्रीय दल चुनाव मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर मणिपुर में जीत के लिए जी तोर कोशिश कर रही है और अकेले दम पर बहुमत का आंकड़ा पार करने का दावा कर रही है. राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने अब तक सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है, हालांकि BJP अपने मौजूदा मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) पर एक बार फिर दांव लगा सकती है. एन बीरेन सिंह मणिपुर (Manipur BJP CM Face 2022) के बड़े राजनीतिक चेहरों में से एक हैं. एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने मणिपुर की हेनगांग (Heingang) सीट पर साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. इस सीट पर वह लगातार चार बार से विधायक हैं.
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कांग्रेस से BJP में आए हैं बीरेन सिंह
एन बीरेन सिंह का पूरा नाम नोंगथोम्बम बीरेन सिंह (Nongthombam Biren Singh) है. एन बीरेन सिंह राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी भी रह चुके हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2002 में क्षेत्रीय पार्टी डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी (DPP) से की. बीरेन सिंह राज्य की हेनगांग विधानसभा सीट से विधायक चुने गए. साल 2004 के चुनाव से पूर्व इस पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया. वे कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में सतर्कता राज्य मंत्री भी बनाए गए. 2007 में एक बार फिर वह इसी विधानसभा क्षेत्र से चुने गए और उन्हें सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, युवा मामले और खेल मंत्री बनाया गया.
साल 2012 में वह तीसरी बार अपनी सीट बचाने में सफल रहे, लेकिन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने के कारण इबोबी सिंह से उनके संबंध खराब हो गए. अक्टूबर, 2016 में वे कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए. उन्हें राज्य BJP में चुनाव प्रबंधन समिति का प्रवक्ता और सह संयोजक नियुक्त किया गया था. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह हेनगांग (Heingang) सीट से चुनाव जीते हैं.
फुटबॉलर के रूप में करियर की शुरुआत
एन बीरेन सिंह ने एक फुटबॉलर के रूप में अपना करियर शुरू किया और घरेलू प्रतियोगिताओं में अपनी टीम के लिए खेलते हुए सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भर्ती हो गए. उन्होंने BSF से इस्तीफा देकर पत्रकारिता की ओर रुख किया. कोई औपचारिक प्रशिक्षण और अनुभव नहीं होने के बावजूद उन्होंने 1992 में स्थानीय भाषा दैनिक नाहरोलगी थौडांग की शुरुआत की और 2001 तक संपादक के रूप में काम किया. इसके बाद 2002 में वह राजनीति में शामिल हो गए.
क्या है विधानसभा का गणित
2017 के विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. ऐसे में इस बार भी यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों पर जीत के साथ मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और बहुमत से सिर्फ तीन सीट दूर थी. इसके बावजूद वह सत्ता से दूर रह गई थी. BJP ने 21 सीटें जीतने के बाद नेशनल पीपल्स पार्टी (4), नगा पीपल्स फ्रंट (4), लोजपा (1) और दो अन्य विधायकों के सहयोग से मणिपुर में सरकार बनाई थी.
छाये रहेंगे बेरोजगारी और विकास के मुद्दे
मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले गठबंधन से सत्ता वापस लेने की पुरजोर कोशिश में लगी है. हाल में उग्रवादी हमलों के बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रहेगा. कानून और व्यवस्था के अलावा, सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को रद्द करने की लंबे समय से जारी मांग, राज्य में आर्थिक संकट, जिसमें शायद ही कोई उद्योग है, दोनों मुख्य दलों के बीच चुनावी मुकाबले के एजेंडे में शीर्ष पर रहने की उम्मीद है.
नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) जैसे छोटे स्थानीय दल अपनी-अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. BJP जो दो स्थानीय दलों –NPP और NPF के साथ हाथ मिलाकर सिर्फ 21 सीटों के बावजूद 2017 में सरकार बनाने में कामयाब रही थी. कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं.
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