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Okram Ibobi Singh: क्या इस बार भी कांग्रेस इबोबी सिंह को बनाएगी चेहरा? Manipur के इस पूर्व CM के बारे में कितना जानते हैं आप

Who Is Okram Ibobi Singh: मणिपुर में कांग्रेस एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) को एक और मौका दे सकती है. हालांकि चुनाव से पहले कांग्रेस की तरफ से यहां भी सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया गया है.

Published: January 16, 2022 9:30 PM IST

By Parinay Kumar

Okram Ibobi Singh Profile
Okram Ibobi Singh

Who Is Okram Ibobi Singh: मणिपुर में विधानसभा चुनाव (Manipur Assembly Election 2022) की तारीखों का ऐलान हो गया है. मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को होगा. वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. मणिपुर में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress) और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की तृणमूल कांग्रेस (TMC) में है. हालांकि कुछ क्षेत्रीय दल राज्य की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाती है. मणिपुर में कांग्रेस एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) को एक और मौका (Manipur Congress CM Face 2022) दे सकती है. हालांकि चुनाव से पहले कांग्रेस की तरफ से यहां भी सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया गया है. मालूम हो कि पिछले चुनाव में मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी थी.

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2002 से 2017 तक रहें मणिपुर के मुख्यमंत्री

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) 2002 से 2017 तक मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे हैं. इबोबी सिंह ने 2012 में अपनी पार्टी को तीसरी बार राज्य में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. इबोबी सिंह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे और उन्होंने अपने पिता के व्यापार में मदद की थी. उन्होंने इम्फाल के DM कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. उनका विवाह लांधोनी देवी से हुआ है, जिन्होने थौबल जिले के खंगाबोक विधानसभा से लगातार दो बार जीत हासिल की है. वह थौबल जिले की पहली महिला विधायक भी हैं. इबोबी सिंह वर्तमान में थौबल विधानसभा सीट (Thoubal Assembly Seat) से विधायक हैं. 2017 में इबोबी सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लैंथम बसंत सिंह को हराया था.

1984 में पहली बार बने विधायक

19 जुलाई 1948 को जन्में इबोबी सिंह 1984 में पहली बार थोबुल जिले की खांगाबोक सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए. वह सात मार्च 2002 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और 2017 तक इस पद पर रहे.

हत्या की हो चुकी है साजिश

ओकराम इबोबी सिंह (Okram Ibobi Singh) की हत्या की साजिश भी हो चुकी है. नवंबर 2006 में ओकराम इबोबी सिंह के निवास पर इनामी आतंकी ग्रुप मणिपुर कांगलेईपाक कम्युनिटी पार्टी द्वारा हमला किया गया था. 2 सितंबर 2008 को विद्रोहियों ने मणिपुर राज्य के इम्फाल में बाबूपारा स्थित सरकारी आवास पर सोते वक्त हमला कर दिया.

चुनाव में छाये रहेंगे बेरोजगारी और विकास के मुद्दे

मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले गठबंधन से सत्ता वापस लेने की पुरजोर कोशिश में लगी है. हाल में उग्रवादी हमलों के बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित रहेगा. कानून और व्यवस्था के अलावा, सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को रद्द करने की लंबे समय से जारी मांग, राज्य में आर्थिक संकट, जिसमें शायद ही कोई उद्योग है, दोनों मुख्य दलों के बीच चुनावी मुकाबले के एजेंडे में शीर्ष पर रहने की उम्मीद है.

नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) जैसे छोटे स्थानीय दल अपनी-अपनी मांगों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. BJP जो दो स्थानीय दलों -NPP और NPF के साथ हाथ मिलाकर सिर्फ 21 सीटों के बावजूद 2017 में सरकार बनाने में कामयाब रही थी. कांग्रेस को 28 सीटें मिली थीं.

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