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Bihar Politics: बिहार की राजनीति में चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं. तीनों मुख्य राजनीतिक दल एक-दूसरे को चौंकाने में लगे हैं. राजनीतिक दलों के फैसले से जनता भी हैरान है कि ये हो क्या रहा है. बात राज्य सभा के उम्मीदवारों की करें तो बीजेपी ने सतीश चंद्र दुबे और शंभू शरण पटेल को बिहार से राज्यसभा चुनाव के लिए चुना है. सतीश चंद्र दुबे का नाम तो ठीक है लेकिन शंभू शरण पटेल के नाम को लेकर राजनीतिक गलियारों में रविवार की शाम से ही तरह-तरह की अटकलों का बाजार गरम है.
लोगों की बात क्या करें टिकट मिलने के बाद शंभू शरण पटेल की ओर से आए बयान से भी साफ है कि उन्हें भी हैरानी हो रही है क्योंकि उन्हें टिकट मिलने का तनिक भी भरोसा नहीं था. बता दें कि शंभू शरण जेडीयू के नेता रह चुके हैं और कुछ साल पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे. फिलहाल बिहार बीजेपी में सचिव हैं. राज्यसभा चुनाव के लिए इनके नाम की कहीं भी सुगबुगाहट नहीं थी, लेकिन बीजेपी की केंद्रीय टीम ने उनपर भरोसा जताया है.ऐसे में राजनीतिक गलियारों में इसके मायने निकाले जा रहे हैं कि भाजपा ने इस फैसले से जदयू को चकित कर दिया है.
कभी जदयू में नीतीश कुमार के बाद किसी का नाम आता था तो वो था केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का. लेकिन इस बार तीसरी मर्तबा जदयू से राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाकर नीतीश ने बड़ा और कड़ा संदेश दिया है.या यूं कहें कि भाजपा से बढ़ती नजदीकी की नीतीश ने आरसीपी को एक तरह की सजा दी है. इसके साथ ही उन्होंने ये संकेत भी दिया है कि वह सहयोगी दल भाजपा से नाराज हैं.
नीतीश ने राज्यसभा के लिए अपनी पसंद के तौर पर झारखंड जदयू प्रमुख खीरू महतो के नाम की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया है. यह कोई नहीं समझ पाया कि खीरू महतो नीतीश की पसंद ऐसे समय में कैसे बन गए जब पार्टी बिहार में ही लड़खड़ा रही है, तो वह पड़ोसी राज्य झारखंड में पार्टी को मजबूत करने की कोशिश क्यों करेंगे.
बिहार की सियासत में अगर सबसे ज्यादा किसी ने हैरान किया है तो वो है लालू की पार्टी राजद ने. लालू ने विधान परिषद चुनाव के लिए अपने जिन तीन उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है. उनमें से बख्तियारपुर की रहने वाली मुन्नी देवी रजक का नाम सबसे ज्यादा चर्चे में है. जिसकी वजह से सभी हैरान हैं. मुन्नी देवी आज भी खुसरुपुर रेलवे स्टेशन के बाहर कपड़े आयरन करने का काम करती हैं.
राजद की ओर से विधान परिषद उम्मीदवार बनीं मुन्नी देवी रजक राजद की बेहद सामान्य कार्यकर्ता हैं. इनकी आर्थिक स्थिति भी सामान्य से भी नीचे बतायी जा रही है. मुन्नी देवी बख्तियारपुर, बिहटा के अलीपुर गांव की निवासी है और उनकी पहचान लालू प्रसाद यादव से काफी पुरानी है. वे कभी लालू-राबड़ी की सभाओं में मंच से गाना गाती थीं.
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