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पद्म विभूषण के बाद अब ‘भारत रत्न’ बनना चाहती हैं मेरीकाम, ऐसे कर रही हैं तैयारी
छत्तीस साल की मेरीकाम ने हालांकि कहा कि उनका लक्ष्य पहले ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना है और फिर वह ‘पदक के रंग’ के बारे में सोचेंगी.
नई दिल्ली: पद्म विभूषण के लिये चुनी गयी पहली महिला खिलाड़ी एमसी मेरीकाम ने रविवार को कहा कि वह तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर ‘भारत रत्न’ बनना चाहती हैं. छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज मेरीकाम ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘भारत रत्न हासिल करना सपना है. इस पुरस्कार (पद्म विभूषण) से मुझे और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी ताकि मैं भारत रत्न बन सकूं. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘सचिन तेंदुलकर ही एकमात्र खिलाड़ी हैं जिन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया है और मैं भी इससे हासिल करना चाहती हूं और ऐसा करने वाली पहली महिला बनना चाहती हूं. मैं तेंदुलकर की राह पर चलना चाहती हूं और मुझे उनसे प्रेरणा मिलती है.’’ छत्तीस साल की मेरीकाम ने हालांकि कहा कि उनका लक्ष्य पहले ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना है और फिर वह ‘पदक के रंग’ के बारे में सोचेंगी.
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अभी लक्ष्य ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करना है और फिर मैं पदक के रंग के बारे में सोचूंगी. अगर मैं क्वालीफाई कर लेती हूं और तोक्यो में स्वर्ण पदक जीत लेती हूं तो मैं भारत रत्न हासिल करने की उम्मीद कर सकती हूं. भारत रत्न से नवाजा जाना सिर्फ एक खिलाड़ी के लिये ही नहीं बल्कि किसी भी भारतीय की उपलब्धियों का शीर्ष सम्मान है.’’ भारत रत्न देश का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान है.
(इनपुट भाषा)
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