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'सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा, MS Dhoni की तरह नतीजे के बारे में नहीं सोचता'

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि जब वह खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वह हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी

Published: June 26, 2020 3:42 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Kamlesh Rai

'सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा, MS Dhoni की तरह नतीजे के बारे में नहीं सोचता'
Bhuvneshwar Kumar @twitter

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण में से हैं और भुवनेश्वर कुमार इसके अहम गेंदबाज हैं जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव शामिल हैं. पेसर भुवनेश्वर का कहना है कि आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अंतिम ओवरों में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा.

भुवनेश्वर ने कहा कि उनमें हमेशा से यॉर्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने महत्वपूर्ण क्षणों में इसे फेंकने का हुनर सीखा.

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भुवनेश्वर ने दीप दास गुप्ता ने क्रिकेटबाजी शो में कहा, ‘मैं यॉर्कर डाल सकता था लेकिन फिर मैं इसे भूल गया. सनराइजर्स हैदराबाद में वे मुझसे पारी के शुरू में और अंत में गेंदबाजी कराना चाहते थे. 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह टर्निंग प्वाइंट रहा. मैंने नई चीजें सीखीं, विशेषकर अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा (सनराइजर्स के लिये खेलते हुए).’

‘धोनी की तरह नतीजोंं के बारे में चिंता नहीं करता’

वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि जब वह खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वह हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी.

उन्होंने कहा, ‘एम एस धोनी की तरह, मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं. इससे अपनी इच्छानुसार नतीजा हासिल करने में मदद मिलती है.’

उन्होंने कहा, ‘आईपीएल के दौरान जब मेरे कुछ सत्र अच्छे रहे तो मैं इसी दौर में था. मैं अपनी प्रक्रिया के बारे में इतना ध्यान लगाता था कि नतीजा हमेशा ‘दूसरा स्थान’ ले लेता था. और परिणाम सकारात्मक ही आता था. ’

’15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी’

कोविड-19 महामारी के कारण खेल से दूर रखकर कैसे प्रेरित कर रहे हैं तो भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी प्रेरित था. कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी एक्सरसाइज के लिये उपकरण नहीं थे. हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जायेंगी. ’

भुवनेश्वर ने कहा, ‘लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी. फिर मैंने घर पर ही उपकरण मंगवा लिए और तब से चीजें थोड़ी सुधर गई हैं. मैं इस लॉकडाउन के से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं. मैदानी प्रदर्शन अलग बात है, लेकिन मैं अपनी फिटनेस पर काम कर सकता हूं. ’

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