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Commonwealth Games 2022: बॉक्‍सर लवलीना ने BFI पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, 8 दिन से रुकी है ट्रेनिंग

मूल रूप से असम की रहने वाली बॉक्‍सर लवलीना ने बीते साल टोक्‍यो ओलंपिक में कांस्‍य पदक अपने नाम किया था. बर्मिंघम कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स में फैन्‍स को उनसे गोल्‍ड की उम्‍मीदें हैं.

Published: July 25, 2022 8:41 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Sandeep Gupta

lovlina borgohain Twitter
lovlina borgohain @ Twitter

टोक्‍यो ओलंपिक में बीते साल मुक्‍केबाजी में कांस्‍य पदक जीतने वाली भारतीय एथलीट लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) इस वक्‍त मुसीबत में हैं. बर्मिंघम में कॉमनवेल्‍थ खेलों की शुरुआत होने में अब केवल तीन दिन का ही वक्‍त बचा है. लवलीना का कहना है कि उनके कोचों को बर्मिंघम में खेल गांव में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है. उन्‍होंने अपना दर्द सोशल मीडिया के माध्‍यम से साझा किया.

लवलीना ने कहा कि राष्ट्रमंडल गेम्स विलेज में उनके कोचों के प्रवेश से इनकार करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उनके एक कोच को घर भेज दिया गया है और दूसरे को राष्ट्रमंडल खेल गांव में प्रवेश से वंचित कर दिया गया है.

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लवलीना ने एक ट्वीट में कहा, “आज बड़े दुख के साथ मैं यह बताना चाहती हूं कि मेरे साथ उत्पीड़न हो रहा है. जिन कोचों ने मुझे ओलंपिक पदक जीतने में मदद की, उन्हें हटा दिया गया जिससे मेरी प्रशिक्षण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है. कोचों में से एक संध्या गुरुंगजी हैं, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं. दोनों मेरे कोचों को प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए निवेदन करना पड़ता है और उन्हें काफी देर से आने की अनुमति दी जाती है.”

उन्होंने आगे कहा, “अभी मेरी कोच संध्या गुरुंगजी कॉमनवेल्थ विलेज के बाहर हैं. इस सब के साथ, खेलों से ठीक 8 दिन पहले मेरी ट्रेनिंग प्रक्रिया रुक गई है. मेरे दूसरे कोच को भी भारत वापस भेज दिया गया है. मेरे कई अनुरोध करने के बाद भी मदद नहीं की गई है. जिससे मुझे मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है. मुझे नहीं पता कि खेल में कैसे ध्यान केंद्रित करना है. इसके कारण मेरी पिछली विश्व चैंपियनशिप भी खराब हो गई थी. इस राजनीति के कारण मैं अपना राष्ट्रमंडल खेल खराब नहीं करना चाहती. मुझे उम्मीद है कि मैं इस राजनीति को तोड़ और अपने देश के लिए पदक जीतूंगी. जय हिंद.”

मुक्केबाज ने दिल्ली में आयोजित चयन ट्रायल में रेलवे पूजा के खिलाफ 7-0 से जीत के साथ 70 किग्रा स्पर्धा में राष्ट्रमंडल गेम्स के लिए भारतीय टीम में जगह पक्की की थी.


लवलीना ने इतिहास रचा, जब उन्होंने टोक्यो 2020 में महिलाओं का 69 किलोग्राम कांस्य पदक जीता, विजेंदर सिंह (बीजिंग 2008 में कांस्य) और मैरी कॉम (लंदन 2012 में कांस्य) के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय मुक्केबाज बनी थीं.

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