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कॉमनवेल्थ खेलों की शुरुआत से पहले भारतीय दल की चिंताएं तब एक बार फिर बढ़ गईं, जब भारत की स्टार शटलर और बर्मिंघम खेलों की ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय दल की ध्वजवाहक पीवी सिंधु (PV Sindhu) को कोरोना वायरस होने का अंदेशा हुआ. बर्मिंघम पहुंचने के बाद सभी खिलाड़ियों की तरह सिंधु का भी कोविड-19 टेस्ट हुआ था, जिसमें सिंधु को कोरोना होने का अंदेशा जताया गया. दरअसल सिंधु के आरटी-पीसीआर टेस्ट में कुछ गड़बड़ दिखाई दी थी. इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें आइसोलेशन पर भेज दिया गया.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सिंधु का आरटी-पीसीआर टेस्ट से उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आए. जब तक कोई स्पष्टता नहीं हो गई तब तक बैडमिंटन स्टार से आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई.
रिपोर्टस के मुताबिक सिंधु के अनिवार्य कोविड-19 टेस्ट में कुछ ‘अपरिवर्तनशीलता’ नजर आई. सिंधु 25 जुलाई की सुबह बर्मिंघम पहुंची थीं. अधिकारी इस गड़बड़ को नजरअंदाज नहीं कर सकते थे और उन्होंने भारतीय शटलर को निगरानी में रखने का फैसला लिया.
जब तक सिंधु का दूसरा आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव नहीं आता उन्हें बाकी भारतीय दल से अलग रखा गया. सुकून की बात यह रही कि सिंधु का दूसरा टेस्ट नेगेटिव आया, देश भर के खेल प्रेमियों के लिए राहत की बात यह रही कि इस बार उनका टेस्ट नेगेटिव आया. भारत के ध्वजवाहक के नाम की घोषणा में हुई देरी की वजह भी सिंधु का केस ही रहा.
इन राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 10 बैडमिंटन खिलाड़ियों का दल भेजा है. इस खेल में भारत को कई पदकों की उम्मीद है. बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के नियमों के मुताबिक एथलीट को यूनाटेड किंगडम में पहुंचने से 72 घंटे पहले नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट देनी होगी. इसके बाद यूके पहुंचने के बाद दोबारा उनकी जांच की जाएगी.
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