
अगर Virat के नाम 50-60 टेस्ट जीत होती तो बहुत से लोग ये हजम नहीं कर पाते : रवि शास्त्री
विराट कोहली को कप्तानी से हटाए जाने के प्रकरण पर रवि शास्त्री ने खुलकर कही अपनी बात. उनका मानना है कि विराट अभी कम से कम दो साल भारतीय टेस्ट टीम की कमान संभाल सकता था.

भारतीय टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि विराट कोहली (Virat Kohli) अभी आगे दो साल तक भारत की कप्तानी संभाल सकते थे. उन्होंने आलोचकों पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो इस बात को हजम नहीं कर पा रहे होंगे कि विराट अपने करियर के दौरान 50 से 60 टेस्ट जीत का रिकॉर्ड बना सकते थे. विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार के बाद खेल के सबसे लंबे प्रारूप में भी कप्तानी छोड़ दी है. इससे पहले चयनकर्ताओं ने उन्हें वनडे क्रिकेट में कप्तानी से हटा दिया था.
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इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा, “सवाल है कि क्या विराट आगे भी टेस्ट क्रिकेट में कप्तान बने रह सकते थे. हां, निश्वित तौर पर अगले दो साल तक वो ये जिम्मेदारी निभा सकते थे. अगले दो साल भारत को स्वदेश में काफी क्रिकेट खेलना है. तबतक वो अपनी कप्तानी में 50 से 60 जीत दर्ज कर सकते थे. बहुत सारे लोगों को यह सच्चाई हजम नहीं कर पाएंगे.”
“दो साल तक वो टीम को अच्छे से आगे ले जा सकते थे लेकिन हमें उनके निर्णय का सम्मान करना चाहिए. किसी भी अन्य देश में इस तरह के रिकॉर्ड अविश्वसनीय हैं. आपने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड में सीरीज में जीत दर्ज की लेकिन साउथ अफ्रीका में 1-2 से हार गए. फिर भी यह चर्चा का विषय रहेगा कि आखिर उन्हें आगे कप्तानी करते रहना चाहिए था या नहीं.”
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा, “विराट कोहली (Virat Kohli) बीते छह सात सालों से टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी कर रहे हैं. उनमें से पांच साल तक भारत इस फॉर्मेट में नंबर-1 रहा. भारत का कोई अन्य कप्तान ये कारनामा नहीं कर पाया है. दुनिया भर में भी बहुत कम ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके नाम ऐसा रिकॉर्ड है. ऐसे में जब सबसे सफल कप्तान ने यह निर्णय लिया है कि वो आगे नेतृत्व की जिम्मेदारी नहीं संभालेगा तो ये उनका निजी निर्णय है. उनका 40 जीत का रिकॉर्ड अविश्वासनीय है.”
“केवल विराट ही जानता है कि वो अपनी कप्तानी को कितना इंज्वाय कर रहा था. सचिन और धोनी ने भी उस वक्त नेतृत्व की जिम्मेदारी छोड़ दी थी जब उन्हें लगने लगा कि वो कप्तानी को इंज्वाय नहीं कर पा रहे हैं. इसी तरह विराट अब अपने क्रिकेट पर फोकस करना चाहते हैं.”
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