
KL Rahul को नहीं नसीब हुई एक भी जीत, भारत का कप्तान बनने के सपने पर लगा बड़ा डेंट
केएल राहुल ने साउथ अफ्रीका में एक टेस्ट और तीन वनडे मैचों में कप्तानी की. वो एक भी मैच में टीम की नैया पार नहीं लगा पाए. भारत का प्रदर्शन साउथ अफ्रीका में बेहद निराशाजनक रहा.

Dent in KL Rahul Long Term Captaincy Ambitions: केएल राहुल ने साउथ अफ्रीका दौरे पर एक कप्तान के तौर पर डेब्यू किया. भारत से उड़ान भरने से पूर्व राहुल ने जरा भी यह कल्पना नहीं की होगी कि वो एक टेस्ट और तीन वनडे मुकाबलों में टीम का नेतृत्व करने वाले है. आईपीएल में बदनसीब कप्तान होने का टैग उनके लिए साउथ अफ्रीका में भी जारी रहा. ना तो वो अपनी कप्तानी में सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच जीत पाए और ना ही वनडे सीरीज में एक भी मुकाबला जीतने में सफल हुए. दीपक चाहर ने भारत को आखिरी वनडे मैच जीतने की आस जरूर बंधाई थी. केएल राहुल कुछ इसी तर्ज पर पंजाब किंग्स के लिए जीते हुए मैच हारते रहे हैं.
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विराट का बीसीसीआई से विवाद
इस दौरे पर रवाना होने से पहले ही संकेत मिल गए थे कि सब कुछ ठीक ठाक नहीं रहने वाला है जब तत्कालीन टेस्ट कप्तान विराट कोहली की बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से ठन गई थी. पूरा प्रकरण टीम की रवानगी से पहले सही नहीं था लेकिन पहले टेस्ट में मिली जीत के बाद यह हाशिये पर चला गया . टेस्ट श्रृंखला जीतने के बाद आत्मविश्वास से ओतप्रोत दक्षिण अफ्रीका टीम के सामने कार्यवाहक वनडे कप्तान केएल राहुल के करने के लिये बहुत कुछ बचा नहीं था.
विराट का बुरा दौर
कोहली भले ही स्वीकार नहीं करें लेकिन सच यही है कि बतौर क्रिकेटर वह अपने कैरियर के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं . तीन में से दो प्रारूपों में कप्तानी उन्होंने छोड़ी और एक से उन्हें हटा दिया गया . लेकिन वह कोहली हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में यूं ही शुमार नहीं होते . अपने इर्द गिर्द तमाम सुर्खियों के बावजूद उन्होंने तीसरे टेस्ट में 79 रन बनाये . वनडे में भी उन्होंने दो अर्धशतक जड़े लेकिन वह अपनी चिर परिचित लय में नही थे .
विराट ने क्यों खोया आपा ?
केपटाउन टेस्ट में डीआरएस का एक फैसला अनुकूल नहीं आने पर प्रसारकों पर भड़ास निकालने से उनकी ख्याति को ठेस पहुंची और भारत की मैच में वापसी की संभावना को भी. टेस्ट श्रृंखला हारने के बाद कोहली ने कप्तानी छोड़ दी लेकिन उनके वारिस के रूप में देखे जा रहे राहुल प्रभावित नहीं कर सके .
द्रविड़ ने किया राहुल का बचाव
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ,‘‘क्या केएल राहुल किसी भी नजरिये से कप्तान लग रहा था.’’ उनसे पूछा गया था कि रोहित की फिटनेस समस्याओं के कारण क्या राहुल को टेस्ट कप्तान बनाया जा सकता है. समझा जाता है कि कोच राहुल द्रविड़ राहुल को दीर्घकालिन विकल्प के रूप में देखते है और यही वजह है कि उन्होंने उसकी कप्तानी का बचाव किया.
उन्होंने कहा ,‘‘ उसने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया. कप्तानी का मतलब अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराना भी है .वनडे टीम में संतुलन की कमी दिखी . वह समय के साथ सीखेगा.’’
कमजोर अफ्रीकी टीम को भी नहीं हरा पाए हम
भारत ऐसी टीम से हारा जो बदलाव के दौर से गुजर रही है और जिसके कोच पर नस्लीय दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं . भारतीय टीम ने बेखौफ क्रिकेट नहीं खेली और ना ही कोई सूझबूझ दिखाई. चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में चमके लेकिन इसके अलावा सकारात्मक क्रिकेट नहीं खेल सके . दोनों छह पारियों में 200 रन भी नहीं बना सके और अब उनका कैरियर निस्संदेह अवसान की ओर दिख रहा है. हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ी लंबे समय से इंतजार में है.
गेंदबाजी की बात करें तो इ्रशांत शर्मा को बाहर रखना इस बात का परिचायक है कि टीम प्रबंधन को अब उन पर भरोसा नहीं रहा. जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी पर निर्भरता बढती जा रही है . आर अश्विन और भुवनेश्वर कुमार ने निराश किया.
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