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IPL 2022 की जब शुरुआत हुई थी, तब शायद कुछ ने ही यह सोचा होगा गुजरात टाइटन्स (GT) चैंपियन बनेगा. सच तो यह है कि गुजरात ने जिस तरह अपनी टीम तैयार की, उससे कई जानकार हैरान थे. वे यह मान रहे थे कि खिताब की दावेदार के रूप में यह टीम बिल्कुल अलग थी. लेकिन GT ने सिर्फ अपनी हर खामी को खत्म किया बल्कि उसने हर टीम को हराया, जिससे वह भिड़ी. अब इसका कुल निचोड़ यह है कि गुजरात टाइटन्स अब इस लीग की चैंपियन है- वह इस लीग की दूसरी ऐसे टीम बनी है, जिसने अपने शुरुआती सीजन में ही चैंपियन बनने का कारनामा अपने नाम किया है. पहली टीम राजस्थान रॉयल्स थी.
अब RR के बारे में क्या? खैर, वह इस सीजन जिस अंदाज में खेले वे उस पर गर्व कर सकते हैं. जोस बटलर (Jos Buttler) ने ऑरेंज कैप पर अपना कब्जा जमाया, इसके लिए उन्होंने इस सीजन सर्वाधिक 863 रन बनाए, जिसमें 4 शतक और 4 हाफ सेंचुरी शामिल रहीं, जबकि युजवेंद्र चहल को पर्पल कैप पर कब्जा जमाने के लिए फाइनल मैच का इंतजार करना पड़ा, क्योंकि उन्हें पर्पल कैप के लिए जरूरी एक और विकेट चाहिए था, जिससे वह RCB के वनिंदु हसरंगा से आगे निकल सकें. हार्दिक पटेल के विकेट के रूप में चहल ने अपनी पर्पल कैप पर पकड़ मजबूत कर ली.
लेकिन इन दोनों के अलावा RR के दल में बाकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर नजर डालें तो फाइनल में जिस ढंग से उसके बाकी खिलाड़ियों ने घुटने टेक दिए उससे दुख होता है. कोई भी बल्ले के साथ अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. गेंदबाजी में भी ट्रेंट बोल्ट और युजवेंद्र चहल ने अच्छा प्रयास किया, लेकिन उसके बाकी के गंदेबाज खासतौर से रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) लड़ाई लड़ते नहीं दिखे.
इस बीच GT सब कुछ सही करती दिखाई दी, जैसा कि उन्होंने आईपीएल के इस पूरे सीजन में किया है. फाइनल में उनका रहस्यमयी हथियार कप्तान हार्दिक पांड्या (Hardik Pandhya) साबित हुए, जिन्होंने बॉल से अपने 4 ओवर के कोटे में सिर्फ 17 रन देकर 3 अहम विकेट उखाड़े. हार्दिक के इस प्रदर्शन ने दोनों टीमों के बीच अंतर पैदा किया.
हार्दिक ने जोस बटलर, विपक्षी कप्तान संजू सैमसन और शिमरॉन हेटमायर के विकेट अपने नाम किए. इसके बाद उसके बाकी गेंदबाज भी विकेट निकालते रहे और RR बैकफुट पर घिरती चली गई. पांड्या की यह जीत बतौर खिलाड़ी और बतौर कप्तान उनके लिए टर्निंग प्वॉइंट है. यह उनकी परिपक्वता को दर्शाता है, जो भविष्य में भारतीय क्रिकेट में लंबे समय तक काम आ सकती है.
इन दो टीमों के अलावा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) भी रेस में दिखाई दी थी. लेकिन वह जैसे-तैसे क्वॉलीफायर 2 तक पहुंची, लेकिन RR के खिलाफ दूसरे क्वॉलीफायर में वह फुस्स हो गई. उनके प्रदर्शन में इस सीजन निरंतरता का कोई स्थान नहीं था. तो सचाई यह है कि वह तब चूक गए, जब गलती की उनके पास कोई गुंजाइश नहीं थी. हालांकि 15 सीजन से अपना पहला खिताब तलाश रही इस टीम के लिए यह कोई बहुत बड़ी हैरानी की बात नहीं है. विराट कोहली (Virat Kohli) के पास अभी तक आईपीएल ट्रॉफी नहीं हैं. लेकिन कौन जानता है कि साल 2023 में शायद RCB इस समीकरण क उलट कर रख दे.
लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के कप्तान केएल राहुल (KL Rahul) ने भी खुद को आईपीएल के बेहतरीन कप्तान के तौर पर साबित किया है और इससे उनकी बैटिंग फॉर्म पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ा है. जब यह लीग अपनी चरम पर थी, तब के एल राहुल ने अपनी कप्तानी और बैटिंग के दम पर टीम को टॉप 2 पॉजिशन में बरकरार रखा था. हालांकि अंत में वह राजस्थान रॉयल्स से पिछड़ गए और इसका खामियाजा उन्हें एलिमिनेटर में भुगतना पड़ा, जब वह RCB से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए.
अन्य टीमों में मुंबई इंडियन्स (MI) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) अगले सीजन अपने चिर-परिचित अंदाज में वापसी करना चाहेंगी, वहीं दूसरी टीमों को संपूर्ण स्तर पर खुद को बदलना होगा. भले ये खिलाड़ियों के तौर पर हो या फिर प्रशासनिक तौर पर कुल मिलाकर IPL 2022 का लब्बोलुबाव यह है कि अब इस लीग में 10 टीमों के होने से न सिर्फ यह टूर्नामेंट लंबा हुआ है बल्कि इसमें मौजूद टीमों के पास प्लेऑफ की रेस में बने रहने के लिए अंतिम मैच तक कोई न कोई मौका बना रहता है. अब देखना है कि साल 2023 में यह किस तरह से आगे बढ़ता है.
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