
यहां प्रतिभा को मौका मिलता है... IPL में दिखी भविष्य के संभावित कप्तान की झलक
हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) की कप्तानी में गुजरात टाइटंस ने अपने पहले ही सीजन खिताब पर कब्जा जमाया. फैंस इन्हें भविष्य के कप्तान के तौर पर देख रहे हैं.

यहां प्रतिभा को मौका मिलता है… इंडियन प्रीमियर लीग का आदर्श वाक्य इस सीजन सार्थक नजर आया. एक ओर कुछ शानदार गेंदबाज उबरकर आए, तो दूसरी तरफ फैंस ने हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) मे भविष्य के कप्तान की झलक देखी. हार्दिक पंड्या आईपीएल खिताब जीतने वाले 7वें और गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) के पहले कप्तान बने.
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हैदराबाद के लिए पहली बार पूर्ण सत्र में खेलते हुए उमरान मलिक (Umran Malik) ने लगातार 150 किमी प्रतिघंटा से अधिक की रफ्तार से गेंदबाजी करने की अपनी क्षमता के कारण दुनिया का ध्यान खींचा. भारतीय चयनकर्ता भी उनसे प्रभावित दिखे जबकि बाएं हाथ के युवा तेज गेंदबाज मोहसिन खान (Mohsin Khan) ने नई फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जाइंट्स की ओर से गति और सटीक गेंदबाजी का शानदार नजारा पेश करते हुए प्रभावित किया.
इसके अलावा चेन्नई सुपरकिंग्स के मुकेश चौधरी और सिमरजीत सिंह, गुजरात टाइटंस के यश दयाल और राजस्थान रॉयल्स के कुलदीप सेन भी दुनिया की सबसे बड़ी टी20 लीग में छाप छोड़ने वाले भारतीय तेज गेंदबाजों में शामिल रहे.
कुछ युवा बल्लेबाजों ने भी दिखाया कि वे शीर्ष स्तर पर खेलने में सक्षम हैं. इनमें मुंबई इंडियन्स के तिलक वर्मा भी शामिल रहे जिनकी सराहना उनके कप्तान रोहित शर्मा ने भी की. रोहित ने बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को भारतीय टीम में खेलने का दावेदार बताया.
पंजाब किंग्स के विकेटकीपर बल्लेबाज जितेश शर्मा से भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग काफी प्रभावित दिखे. उनकी टीम प्ले आफ में जगह बनाने में नाकाम रही लेकिन उन्होंने मौकों का पूरा फायदा उठाया.
आईपीएल में पहले भी खेल चुके ‘अनकैप्ड’ (जिन्होंने कोई अंतरराष्ट्रीय मुकाबला नहीं खेला हो) खिलाड़ियों में राहुल त्रिपाठी और अभिषेक वर्मा ने प्रभावित किया. त्रिपाठी हालांकि भारतीय टीम में जगह बनाने से चूक गए.
इस सत्र से हार्दिक पंड्या ने भारत के भविष्य के कप्तान के तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. सत्र के शुरू होने से पहले हार्दिक की फिटनेस पर संदेह था लेकिन उन्होंने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन करने के साथ अपनी नेतृत्व क्षमता का लोहा मनावाकर आलोचकों का मुंह बंद किया. उन्होंने चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए टीम की जरूरत के मुताबिक रक्षात्मक और आक्रामक खेल का शानदार सामंजस्य दिखाया.
आईपीएल ने एक बार फिर से साबित किया कि इस खेल में उम्र सिर्फ एक संख्या है. इस सत्र को अनुभवी उमेश यादव, रिद्धिमान साहा और दिनेश कार्तिक के दमदार प्रदर्शन के लिए याद किया जायेगा. कार्तिक ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए फिनिशर की भूमिका में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम में एक और वापसी की.
उमेश ने टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में केकेआर के लिए पावरप्ले में शानदार गेंदबाजी की तो साहा ने चैम्पियन गुजरात टाइटंस के लिए बाद के मैचों में सलामी बल्लेबाज के तौर पर टीम को लगातार अच्छी शुरूआत दिलायी.
आईपीएल के इस सत्र पर भी कोरोना वायरस का साया मंडराया था लेकिन बीसीसीआई ने चीजों को सही तरीके से नियंत्रित करके 74 मैचों के टूर्नामेंट को सफलतापूर्वक पूरा किया. दिल्ली कैपिटल्स की टीम में कोविड-19 के कई मामले आये जिससे कुछ मैचों का कार्यक्रम बदलना पड़ा लेकिन इससे टूर्नामेंट पर कोई खतरा नहीं आया. (भाषा)
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