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IPL 2022- ट्रॉफी जीतने के बाद क्यों इमोश्नल हुईं नताशा स्टैनकोविक! हार्दिक पांड्या ने बताई वजह

पहली बार IPL में कप्तानी कर रहे पांड्या ने जब अपनी टीम गुजरात टाइटन्स को चैंपियन बना दिया, तो यह लम्हा देख उनकी पत्नी मारे खुशी के भावुक हो गईं और उनकी आंख से आंसू छलक पड़े. इस पर हार्दिक ने कही यह बात...

Updated: May 30, 2022 3:44 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Arun Kumar

IPL 2022- ट्रॉफी जीतने के बाद क्यों इमोश्नल हुईं नताशा स्टैनकोविक! हार्दिक पांड्या ने बताई वजह
हार्दिक पांड्या नताशा स्टैनकोविक @IPL-BCCI

गुजरात टाइटन्स (GT) ने आईपीएल का खिताब अपने नाम किया तो उसके कप्तान हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) का संघर्ष सामने आने लगा. करीब दो सीजन से पांड्या अपनी बॉलिंग फिटनेस से जूझ रहे थे. इस बीच वह भारतीय टीम से लगातार अंदर-बाहर हो रहे थे. इस सीजन की शुरुआत से पहले ही चयनकर्ताओं ने साफ कर दिया था कि हार्दिक बॉलिंग नहीं करते हैं तो भारतीय टीम में उनके चयन पर विचार ही नहीं किया जाएगा. इस बीच हार्दिक लगतार अपनी फिटनेस पर काम कर रहे थे. हार्दिक ने इस लीग में खुद को बॉलिंग फिट साबित किया, बल्कि विकेट्स भी लिए.

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फाइनल मैच खत्म होने के चंद पलों बाद ही हार्दिक पंड्या आईपीएल की ट्रॉफी को यूं प्यार से सहेजते नजर आये मानों कोई पिता अपने बच्चे से लाड़ कर रहा हो. आखिर उनकी कड़ी मेहनत का ही फल था कि गुजरात टाइटंस अपने पहले ही सत्र में इस लोक लुभावनी लीग की विजेता बनी. हार्दिक को उनकी पत्नी नताशा ने गले लगाया मानों विश्वास दिला रही हों कि बुरे दौर में उनके पीछे खड़ा रहने वाला परिवार अच्छे दिनों में भी उसी तरह उनके साथ है.

अपने हरफनमौला प्रदर्शन से फाइनल में टीम को जीत दिलाने वाले हार्दिक ने कहा, ‘मैं प्यार पर ही जीता हूं जो मुझे अपने परिवार से भरपूर मिलता है.’ चमकीले जैकेट और कान में हीरे के टॉप्स पहनने वाले हार्दिक शुरुआती दिनों में ग्लैमर में डूबे युवा की तरह नजर आते थे लेकिन एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान बनने तक का उनका सफर उनके जीवट की कहानी कहता है.

पत्नी नताशा, बेटा अगस्त्य, भाई क्रुणाल और वैभव, भाभी पंखुड़ी उनकी ढाल की तरह रहे हैं. हार्दिक ने कहा, ‘नताशा काफी भावुक हैं और मुझे अच्छा करते देख बहुत खुश हो जाती हैं. उसने मेरे करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखें हैं और उसे पता है कि मैने कितनी मेहनत की है.’

उन्होंने कहा, ‘मेरा परिवार मेरी ताकत रहा है. मेरा भाई क्रुणाल, भाभी पंखुड़ी, दूसरा भाई वैभव. इन सभी नहीं कठिन दौर में भी मुझे मानसिक सकून दिया. मैंने फोन किया तो भाई और भाभी दोनों रो पड़े. ये खुशी के आंसू थे. मुझे पता है कि जब तक ऐसे लोग मेरे पीछे हैं, मैं अच्छा खेल सकता हूं.

महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) की तरह शांतचित्त होकर कप्तानी करने वाले हार्दिक को जब गुजरात का कप्तान बनाया गया तो क्रिकेट पंडितों ने टीम को मैदान पर उतरने से पहले ही दौड़ से बाहर मान लिया था. लेकिन हार्दिक ने हार नहीं मानी और मोर्चे से अगुवाई करते हुए 487 रन बनाने के साथ 8 विकेट भी लिए.

उन्होंने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैंने हमेशा जिम्मेदारी का मजा लिया है. मैं मोर्चे से अगुवाई करना पसंद करता हूं ताकि मिसाल दे सकूं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर मैं टीम से कुछ अपेक्षा करता हूं तो मुझे सबसे पहले उसके अनुरूप खेलना होगा ताकि दूसरों के लिए मिसाल बन सकूं.’

अपने छह बरस के अंतरराष्ट्रीय करियर में हार्दिक चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल खेल चुके हैं और टी20 वर्ल्ड कप 2016 तथा वनडे वर्ल्ड कप 2019 सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं. 9 जून को साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए वह नीली जर्सी में वापसी करेंगे और उनका लक्ष्य विश्व कप खिताब जीतना है.

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