Top Recommended Stories

Virat Kohli का कप्तानी छोड़ने का फैसला समझदारी भरा, भारत में दुनिया से ज्यादा दबाव: Ravi Shastri

रवि शास्त्री जब टीम इंडिया के चीफ कोच थे, तब विराट कोहली तीनों फॉर्मेट के कप्तान थे. अब शास्त्री ने कहा कि कप्तानी का बोझ हटने से कोहली को खुलकर खेलने का मौका मिल पाएगा.

Updated: March 24, 2022 7:36 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Arun Kumar

Virat Kohli का कप्तानी छोड़ने का फैसला समझदारी भरा, भारत में दुनिया से ज्यादा दबाव: Ravi Shastri
रवि शास्त्री और विराट कोहली @AFP

टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) विराट कोहली (Virat Kohli) के कप्तानी छोड़ने के फैसले से खुश हैं और उनका मानना है कि अब वह बिना किसी दबाव के खुलकर अपना खेल खेल पाएंगे. शास्त्री ने कहा कि अब आईपीए में वह खुद को और बेहतर ढंग से पेश करेंगे. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि 33 वर्षीय विराट कोहली को टेस्ट फॉर्मेट में कप्तान बना रहना चाहिए था.

Also Read:

शास्त्री ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि यह (कप्तानी छोड़ना) अप्रत्यक्ष तौर पर फायदेमंद हो सकता है. कप्तानी का दबाव उनके कंधों से उतर गया है. कप्तान से जो उम्मीदें की जाती हैं अब वे नहीं होंगी. अब वह खुद को अच्छी तरह से अभिव्यक्त कर सकते हैं, खुलकर खेल सकते हैं और मुझे लगता है कि वह ऐसा करना भी चाहेंगे.’

उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, ‘मेरा मानना है कि उन्होंने कप्तानी छोड़ने का समझदारी भरा फैसला किया. मुझे अच्छा लगता अगर वह भारत की टेस्ट टीम के कप्तान बने रहते लेकिन यह निजी पसंद है.’

कोहली ने आईपीएल 2021 के बाद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की कप्तानी छोड़कर सबको चौंका दिया था. इसके बाद साउथ अफ्रीका दौरे में भारत की 1-2 से हार के बाद उन्होंने टेस्ट टीम की कप्तानी भी छोड़ दी थी, जबकि इससे पहले उन्होंने पिछले साल वर्ल्ड कप के बाद टी20 टीम की कप्तानी से त्यागपत्र दे दिया था. इसी के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया था.

शास्त्री ने कहा, ‘मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने प्रदर्शन को लेकर चिंता न करे, क्योंकि उसने विश्व क्रिकेट में खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त काम किया है.’ इस पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी करने की अपनी चुनौतियां हैं.

उन्होंने कहा, ‘खेल के तीनों प्रारूपों में एक टीम की कप्तानी करना आसान काम नहीं है, विशेषकर भारत की कप्तानी जहां आपसे बहुत अधिक उम्मीदें लगायी जाती हैं.’ शास्त्री ने कहा, ‘भारतीय टीम के कप्तान के मुकाबले किसी अन्य टीम के कप्तान को कम दबाव झेलना पड़ता हैं, क्योंकि यहां एक अरब से अधिक लोगों की उम्मीदें आपसे जुड़ी होती हैं. अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं.’

(इनपुट: भाषा)

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.