
...उस घटना के बाद मैंने बचपन में ही ठान लिया- अब दुनिया जानेगी मेरा नाम: राहुल द्रविड़
जब राहुल द्रविड़ ने स्कूल क्रिकेट में अपना पहला शतक जमाया तो किसी संपादक ने उनका नाम द्रविड़ की जगह डेविड कर दिया. इससे प्रभावित होकर द्रविड़ ने तय कर लिया कि अब दुनिया जानेगी मेरा नाम...

दुनिया के महान बल्लेबाजों में शुमार राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने अपने बचपन का एक खास किस्सा सुनाते हुए बताया कि जब उन्होंने पहली बार स्कूल में शतक जमाया था, तो उनका नाम राहुल द्रविड़ की बजाए राहुल डेविड लिख दिया गया क्योंकि लिखने वाले को लगा कि शायद डेविड के नाम की स्पेलिंग में गलती से किसी ने r लगा दिया है. लेकिन इस बात ने राहुल द्रविड़ को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने तभी ठान लिया कि अब उनका नाम कोई जानेगा.
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49 साल के द्रविड़ अब भारतीय टीम के मुख्य कोच हैं और वह इन दिनों वेस्टइंडीज दौरे पर गए हुए हैं. हाल ही में वह ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा के साथ एक पोडकास्ट कार्यक्रम में शामिल हुए. इस पोडकास्ट कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जब स्कूल के दिनों में अपना पहला शतक ठोका था, तो उसने जिंदगी भर के लिए एक खास सीख दे दी.
‘इन द जोन’ नाम के इस कार्यक्रम को अभिनव बिंद्रा होस्ट कर रहे थे. इस मौके पर द्रविड़ ने बचपन के इस किस्से को याद किया. उनके शतक बनाने की खबर जब अखबार में छपी तो उनके नाम की स्पेलिंग ही गलत लिख दी गई. तब ‘द्रविड़’ का ‘डेविड’ छापा गया. इससे उन्हें अहसास हुआ कि शतक बनाने के बावजूद उस समय उनकी ज्यादा पहचान नहीं बनी थी.
द्रविड़ ने कहा, ‘संपादक ने तब यही सोचा होगा कि उनके नाम में कोई स्पेलिंग की गलती है और कोई द्रविड़ नहीं हो सकता, तो यह डेविड ही होना चाहिए था. क्योंकि यह बहुत ही आम नाम था.’
द्रविड़ ने कहा, ‘लेकिन मैंने तभी ही सोच लिया कि यह मेरे लिए बड़ी सीख है कि स्कूल क्रिकेट में 100 बनाकर भले मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं लेकिन मेरी कोई पहचान नहीं है. और लोग मेरा नाम तक नहीं जानते. और तो और उन्हें मेरे नाम पर भी भरोसा नहीं है कि यह सही हो सकता है और उन्हें इसे बदलना पड़ रहा है.’
द्रविड़ ने आगे कहा, ‘लेकिन उस बच्चे ने तभी ही तय कर लिया था कि बाकी बचे उसके जीवन में भारत में हर कोई और सभी पब्लिकेशन उसका नाम याद रखेंगे.’ इसके बाद राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट में अपनी पहचान कायम करना शुरू कर दी.
युवा होते ही वह भारतीय टीम के लिए खेलने लगे. 16 साल के अपने इंटरनेशनल करियर में उन्होंने देश के लिए 164 टेस्ट, 344 वनडे और 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेला. 48 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले द्रविड़ ने इस खेल में कई कीर्तिमान स्थापित किए.
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