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अमेरिका में एक पाकिस्तानी लड़के की इत्र दुकान में काम करते थे हर्षल पटेल, याद की संघर्ष की कहानी

अपने परिवार के संघर्षों के बारे में बोलते हुए आईपीएल के स्टार गेंदबाज ने 'ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस' पर कहा कि वो 17 साल की उम्र में यूएस चले गए थे.

Published: April 29, 2022 7:26 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Gunjan Tripathi

अमेरिका में एक पाकिस्तानी लड़के की इत्र दुकान में काम करते थे हर्षल पटेल, याद की संघर्ष की कहानी
हर्षल पटेल ने अमेरिका में 12-13 घंटे काम करने के संघर्षों का खुलासा किया (IANS)

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के तेज गेंदबाज हर्षल पटेल (Harshal Patel) ने उन संघर्षों का खुलासा किया है, जब उन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट के बाद अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका जाने का फैसला किया. उन्होंने आगे कहा कि न्यूजर्सी में आजीविका चलाने के लिए एक पाकिस्तानी लड़के की इत्र दुकान में काम किया था.

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आईपीएल 2021 में 15 मैचों में 32 विकेट के साथ पर्पल कैप विजेता पटेल, अवेश खान (24 विकेट) और भारत के मुख्य खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह (21 विकेट) से बहुत आगे थे. वर्तमान में 10 विकेट (8 मैच) पर चार अन्य के साथ संयुक्त 11 वें स्थान पर हैं. उनका लक्ष्य इस बार भी अच्छा प्रदर्शन करना है.

अपने परिवार के संघर्षों के बारे में बोलते हुए आईपीएल के स्टार गेंदबाज ने ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ पर कहा कि जब ये सब शुरू हुआ तो वो केवल 17 साल के थे. तब वो यूएस चले गए थे.

पटेल ने कहा, “मैं 17 साल का था, जब मेरे माता-पिता वित्तीय संकट के बाद अमेरिका चले गए. जो लोग भारत से अमेरिका जा रहे होते थे, जिनके पास बहुत अधिक औपचारिक शिक्षा नहीं थी, वे वहां की भाषा नहीं बोल पाते थे और नहीं उनमें कोई कौशल था, तो ऐसे लोग केवल 10 साल के ब्लू-कॉलर श्रम के लिए जा सकते हैं. ये हम सभी के लिए स्पष्ट था.”

उन्होंने आगे कहा, “जब आप पहली बार अमेरिका जाते हैं, तो आपको काम की तलाश करनी पड़ती है. मैं एलिजाबेथ, न्यू जर्सी में एक पाकिस्तानी लड़के की इत्र की दुकान पर काम करता था. मैं अंग्रेजी में बिल्कुल भी बात नहीं कर सकता था. मैंने गुजराती माध्यम में पढ़ाई की है. तो वो भाषा के साथ मेरी पहली दिक्कत थी.”

उन्होंने आगे कहा, “फिर मैंने उनकी अंग्रेजी सीखी. मुझे हर शुक्रवार को 200 डॉलर का भुगतान किया जाता था, जिसमें मैं अपना भरन पोषण करना पड़ता था.”

पटेल ने कहा कि तब उन्हें यह अहसास हुआ कि वास्तव में ब्लू-कॉलर नौकरियां क्या हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें हर दिन 12-13 घंटे काम करना पड़ता था.

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Published Date: April 29, 2022 7:26 PM IST