विश्व कप में भारतीय गेंदबाजों की पांच सर्वश्रेष्ठ पारियां

भारतीय गेंदबाजों ने धारदार गेंदबाजी करते हुए यूएई की पारी 102 रनों पर समेट दी, जो विश्व कप में भारत के खिलाफ किसी टीम का न्यूनतम स्कोर है।

Updated: March 1, 2015 1:19 PM IST

By Indo-Asian News Service

ICC Cricket world cup: Five best Innings of Indian Bowlers in world cup Matches

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नई दिल्ली, 1 मार्च | भारतीय क्रिकेट टीम ने शनिवार को आईसीसी विश्व कप-2015 के पूल-बी के अपने तीसरे मैच में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ इतिहास रच दिया। भारतीय गेंदबाजों ने धारदार गेंदबाजी करते हुए यूएई की पारी 102 रनों पर समेट दी, जो विश्व कप में भारत के खिलाफ किसी टीम का न्यूनतम स्कोर है। आइए नजर डालते हैं भारतीय गेंदबाजों द्वारा विश्व कप में खेली गई ऐसी पांच नायाब पारियों पर :

1. यूएई (102 रन) : आईसीसी विश्व कप-2015 के ग्रुप चरण के तहत वाका स्टेडियम में हुए विश्व कप के 21वें मैच में भारत ने स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन (25/4) की अगुवाई में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी यूएई का पारी 102 रनों पर समेट दी। आईसीसी विश्वकप 2015: भारत-वेस्टइंडीज़ मैच से पहले आया ‘मौका मौका’ का नया विडियों, देखे

अश्विन ने करियर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी की तथा उमेश यादव और रवींद्र जडेजा का भी उन्हें भरपूर साथ मिला। यादव और जडेजा ने दो-दो विकेट चटकाए। भारत यह मैच नौ विकेट से जीतने में कामयाब रहा।

2. श्रीलंका (109 रन) : दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे की संयुक्त मेजबानी में 2003 में हुए आईसीसी विश्व कप के सुपर सिक्स के चौथे मैच में श्रीलंका की पारी भारत से मिले 293 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 109 रनों पर धराशायी हो गई थी। विश्व कप : लगातार तीसरी जीत के साथ मजबूत हुआ भारत

भारत की लिए इस मैच में दिग्गज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ और आशीष नेहरा ने चार-चार विकेट चटकाए थे। भारत यह मैच 183 रनों के विशाल अंतर से जीतने में कामयाब रहा था। तीनों भारतीय तेज गेंदबाजों जहीर खान, जवगल और नेहरा ने इतनी शानदार गेंदबाजी की थी कि उनके सिवा किसी और से गेंदबाजी नहीं करवाई गई।

3. ईस्ट अफ्रीका (120 रन) : इंग्लैंड की मेजबानी में 1975 में हुए पहले विश्व कप के अपने दूसरे ग्रुप मैच में मदन लाल की अगुवाई में भारतीय टीम ने ईस्ट अफ्रीका को 55.3 ओवरों में 120 रनों पर समेट दिया था। गौरतलब है कि तब मैच 60-60 ओवर के हुआ करते थे।

मदन लाल ने इस मैच में 9.3 ओवरों में 15 रन देकर तीन विकेट हासिल किए थे तथा सैयद आबिद अली और बिशन सिंह बेदी का भी उन्हें भरपूर साथ मिला था। आबिद अली ने 12 ओवरों में 22 रन देकर दो विकेट, जबकि बेदी ने 12 ओवरों में छह रन देकर एक विकेट चटकाया था। भारत यह मैच 10 विकेट से जीत गया था।

4. आस्ट्रेलिया (129 रन) : आईसीसी विश्व कप-1983 में एक बार फिर मदन लाल ने धारदार प्रदर्शन करते हुए रोजर बिन्नी के साथ ग्रुप-बी में आस्ट्रेलिया के साथ दूसरे मुकाबले में आस्ट्रेलिया की पारी 129 रनों पर समेट दी थी।

मदन लाल और रोजर बिन्नी ने इस मैच में चार-चार विकेट चटकाए थे, और भारत से मिले 248 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी आस्ट्रेलियाई टीम 118 रनों के अंतर से यह मैच हार गई थी। बाद में भारतीय टीम विश्व कप चैम्पियन बनकर उभरी।

5. नामीबिया (130 रन) : आईसीसी विश्व कप-2003 के ही ग्रुप-चरण के अपने चौथे मैच में 23 फरवरी, 2003 को पीटरमारिट्जबर्ग के सिटी ओवल मैदान पर हुए इस मैच में युवराज सिंह (6/4) ने बेहद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए नामीबिया की पारी 130 रनों पर समेट दी थी।

सचिन तेंदुलकर और सौरभ गांगुली की शतकीय पारियों के बल पर 311 रन बनाने के बाद भारतीय टीम ने यह मैच 181 रनों के विशाल अंतर से जीत लिया। युवराज ने इस मैच में मात्र 4.3 ओवर गेंदबाजी की और छह रन देकर चार विकेट चटकाए। युवराज के अलावा जहीर खान, हरभजन सिंह और दिनेश मोंगिया ने दो-दो विकेट हासिल किए थे।

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