
Women's T20 World Cup: महेंद्र सिंह धोनी की तरह लंबे-लंबे छक्के जड़ना चाहती हैं 16 साल की रिचा घोष
रिचा ने हाल में संपन्न सीनियर महिला चैलेंजर ट्रॉफी में अपने खेल से सबको प्रभावित किया था

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आईसीसी महिला टी-20 वर्ल्ड कप के लिए रविवार को 15 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा कर दी. टीम की कमान हरमनप्रीत कौर संभालेंगी. इस टीम में एक मात्र नया चेहरा रिचा घोष हैं.
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16 साल की रिचा ने हाल में चैलेंजर ट्रॉफी में अपने खेल से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया था जिसकी बदौलत उन्हें इतने कम समय में वर्ल्ड कप टीम में शामिल किया गया है. रिचा को भी इतनी जल्दी सीनियर टीम में शामिल होने की उम्मीद नहीं थी.
‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह सब इतनी जल्द होगा’
सिलिगुड़ी की इस युवा खिलाड़ी को अपने पहले इंटरनेशनल टूर का बेसब्री से इंतजार है. अब बंगाल के अंशकालिक अंपायर अपने पिता मानवेंद्र घोष को देखकर रिचा ने साढ़े चार वर्ष की उम्र में बल्ला उठाया था.
रिचा ने पीटीआई से कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह सब इतनी जल्द होगा. इस पर विश्वास करना मुश्किल हैं और मैं अब तक इस एहसास से उबर नहीं पाई हूं. मेरे पहले आदर्श हमेशा मेरे पिता रहे जिनसे मैंने क्रिकेट सीखा. इसके बाद सचिन तेंदुलकर जो हमेशा मेरे आदर्श रहेंगे.’
‘मैं धोनी की तरह छक्के जड़ने का प्रयास करती हूं’
जब छक्के जड़ने की बात आती है तो वह महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसक हैं. रिचा ने कहा, ‘वह (धोनी) जिस तरह छक्के जड़ते हैं वह मुझे पसंद है और मैं भी ऐसा ही करने का प्रयास करती हूं. गेंदबाज चाहे कोई भी हो, जब आपके हाथ में बल्ला होता है तो आप कुछ भी कर सकते हो.’
‘झूलन दी और रिद्धि दा (साहा) से मुझे हमेशा मदद मिली’
बंगाल की टीम में रिचा को झूलन गोस्वामी का साथ मिलता है जबकि वह हमेशा क्रिकेट पर भारत की पुरुष टीम के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के साथ बात करती हैं जो उनके गृह नगर सिलिगुड़ी के ही रहने वाले हैं.
उन्होंने कहा, ‘झूलन दी ने हमेशा टीम में मेरा समर्थन किया जबकि रिद्धि दा (साहा) से मुझे हमेशा मदद मिली. वह व्यस्त रहते हैं लेकिन हम बात करते रहते हैं. मैं समर्थन के लिए उनकी, अपने कोचों और बंगाल क्रिकेट संघ की आभारी हूं.’
मदन लाल और गौतम गंभीर का क्रिकेट सलाहकार समिति का सदस्य बनना लगभग तय
खेल के प्रति रिचा की गंभीरता को देखते हुए उनके पिता ने स्थनीय बाघा जतिन क्लब में उसे भेजना शुरू किया और वह तब क्लब में एकमात्र लड़की थी. रिचा ने लंबा सफर तय किया और 2012-13 में उन्हें बंगाल की सीनियर टीम के शिविर में बुलाया गया.
कोच बोले-वह प्रतिभा भगवान से तोहफे में मिली है
बंगाल की महिला टीम के कोच शिव शंकर पाल ने कहा, ‘किसी भी कोच के लिए उसका होना शानदार है, वह प्रतिभा भगवान से तोहफे में मिली है. लेकिन वह काफी युवा है और हमें सुनिश्चित करना होगा कि वह लंबा रास्ता तय करे.’
बंगाल के ट्रेनर और विकेटकीपिंग कोच राहुल देब ने कहा कि वह आसानी से छक्के जड़ सकती है और शानदार क्षेत्ररक्षक भी है. गौरतलब है कि भारतीय महिला टीम वर्ल्ड कप में अपनेे अभियान की शुरुआत 21 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करेगी.
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