
ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहद अशुभ है 33 रन की बढ़त लेने का नंबर, जानें क्या कहता है इतिहास
ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाए गए 369 रनों के सामने टीम इंडिया 336 रन पर ऑलआउट हो गई.

ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी के आधार पर भारत के खिलाफ 33 रन की लीड लेने में कामयाब रही. शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर ने संयम के साथ बल्लेबाजी करते हुए मेजबानों को मैच में मजबूत पकड़ बनाने से रोक दिया. लेकिन क्या आपको पता है कि 33 रन की बढ़त का ये आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहद अशुभ है. चलिए हम आपको इसका इतिहास बताते हैं.
Also Read:
ऐसा पहली बार नहीं है जब ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत पर 33 रन की बढ़त बना पाई हो. इससे पहले दो बार पहले भी कंगारुओं को भारत पर 33 रन की बढ़त मिल चुकी है. दोनों बार मेजबानों को हार का सामना करना पड़ा.
साल 2003-04 में भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गया था. उस वक्त कानपुर टेस्ट में मेजबानों ने पहली पारी में 556 रन बनाए तो टीम इंडिया 523 रन पर ऑलआउट हो गई. उक्त मैच में ऑस्ट्रेलिया को चार विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
इससे पहले साल 1979-80 में ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत दौरे पर आई थी. एडिलेड टेस्ट के दौरान मेजबानों ने 33 रन बनाए लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें भारत के सामन शिकस्त झेलनी पड़ी थी.
मौजूदा मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 369 रन बनाए. वहीं, जवाब में टीम इंडिया की तरफ से पहले छह बल्लेबाज महज 186 रन ही बना पाए. फिर शार्दुल ठाकुर और वाशिंगटन सुंदर ने 123 रन की साझेदारी बनाकर भारत को मुश्किल से निकाला. ऑस्ट्रेलिया ने 33 रन की साझेदारी बनाई.
इतिहास को देखते हुए समझें तो ये कहना गलत नहीं होगा कि अजिंक्य रहाणे भले ही एक दम युवा और अनुभवहीन टीम के साथ ब्रिसबेन टेस्ट में उतरें हों लेकिन उनके पास ऑस्ट्रेलिया को हराने का अच्छा मौका है.
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें की और अन्य ताजा-तरीन खबरें