ब्रिसबेन टेस्ट के चौथे दिन टीम इंडिया के बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने गेंद पर थूक का इस्तेमाल नहीं करने के नियम का तोड़ ढूंढ़ ही निकाला. मैच के दौरान का एक वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है, जिसमें मयंक अलग ही अंदाज में थूक का इस्तेमाल किए बिना गेंद को चमकाते हुए नजर आ रहे हैं. Also Read - कोच रवि शास्त्री ने उठाए सवाल 'शीर्ष से नंबर-3 पर कैसे आई भारतीय टीम'; ICC के नियमों की आलोचना की
बीते साल कोरोना वायरस के एकाएक पूरी दुनिया में फैलने के बाद क्रिकेट गतिविधियों पर पूरी तरह से ब्रेक लग गया. लंबे इंतजार के बाद क्रिकेट की फिर बहाली हुई तो बायो-बबल के अंदर क्रिकेटर्स के रहने को अनिवार्य कर दिया गया. साथ ही आईसीसी की तरफ से क्रिकेट मैच के दौरान नई नियमावली भी बना दी गई. Also Read - अश्विन को याद आए ऑस्ट्रेलिया में बिताए वो 'बुरे दिन', बोले- ताजा हवा के बिना कमरे में रहना मुश्किल था
गेंद पर थूक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई. थूक इस्तेमाल कर ही खिलाड़ी अक्सर गेंद को चमकाते हैं ताकि उन्हें पर्याप्त स्विंग या रिवर्स स्विंग मिल सके. ऐसे में थूक का इस्तेमाल रुकने से क्रिकेट जगत में स्विंग गेंदबाजी पर पड़ने वाले असर को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई. Also Read - ICC 'Player of the Month': भारत के रविचंद्रन अश्विन समेत जो रूट और कायल मेयर्स को मिला नॉमिनेशन
ब्रिसबेन के गाबा मैदान में जारी टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान मयंक अग्रवाल गेंद को लेकर साथी खिलाड़ी के पास पहुंचे. उन्होंने उस खिलाड़ी का चुनाव किया जिसे पसीने आ रहे थे. वो साथी खिलाड़ी के हाथ पर लगे पसीने को बॉल पर लगाकर उसे चमकाने लगे.
आईसीसी की नई गाइडलाइन में गेंद पर थूक लगाने पर रोक है लेकिन पसीना लगाने के संबंध में कुछ भी नहीं कहा गया है.