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अश्विन की गेंदबाजी लाइन से अंपायर को देखने में हुई मुश्किल, भारतीय क्रिकेटर ने कहा- आप फैसला नहीं कर पाए तो डीआरएस ले लूंगा
भारतीय टीम के गेंदबाज कानपुर टेस्ट मैच के दूसरे दिन न्यूजीलैंड टीम का एक भी विकेट लेने में नाकाम रहे थे।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे कानपुर टेस्ट के तीसरे दिन मैदान पर माहौल काफी गर्म हो गया, जब सीनियर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) फील्ड अंपायर नितिन मेनन (Nitin Menon) के बीच बहस छिड़ गई।
दरअसल अंपायर मेनन ने 77वें ओवर में अश्विन को चेतावनी दी कि वो गेंदबाजी करते हुए उनके सामने आ रहे हैं जिस वजह से उन्हें एलबीडब्ल्यू के फैसले जांचने में काफी मुश्किल होगी। जिस पर अश्विन ने जवाब दिया कि ‘अगर आप फैसला नहीं ले पाते हैं तो मैं डीआरएस का इस्तेमाल कर लूंगा लेकिन गेंदबाजी एंगल नहीं बदलूंगा’
तीसरे दिन का खेल शुरू होने के बाद 77वें ओवर की चौथी गेंद डालने से पहले भारतीय स्पिनर अश्विन ने राउंड द विकेट गेंदबाजी करने का फैसला किया। नए एंगल से पहली ही गेंद डालने के बाद अंपायर नितिन मेनन ने ऑफ स्पिनर से कहा कि उनका एक्शन ठीक उनकी आंखो के आगे खत्म हो रहा है, ऐसे में उन्हें गेंद की लाइन ठीक से दिखाई नहीं दे रही।
हालांकि अश्विन ने अपनी गेंदबाजी वैसे ही जारी रखी। जिस वजह से पांचवीं गेंद के बाद अंपायर ने कप्तान अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को बुलाकर पूरी बात बताई। लेकिन कप्तान ने साफ कहा कि अश्विन का एक्शन किसी भी तरह से गलत नहीं है और ना ही वो पिच के डेंजर एरिया के पास आ रहे हैं।
अंपायर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अश्विन के एक्शन की वजह से उन्हें साफ दिखाई नहीं दे रहा है और ऐसे में उनके लिए एलबीडब्ल्यू का फैसला लेना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
जिस पर अश्विन ने जवाब दिया कि ‘अगर उन्हें फैसला देने में मुश्किल हो रही है तो ठीक है, मैं डीआरएस का इस्तेमाल कर लूंगा क्योंकि मुझे इस एंगल से गेंदबाजी करने में मदद मिल रही है’
मामला यहीं खत्म नहीं हुआ, 79वें ओवर के बाद अंपायर ने कहा कि अश्विन के फॉलोथ्रू में दौड़ने और नॉन-स्ट्राइकर की लाइन की वजह से से उन्हें जल्दी सिंगल लेने में मुश्किल होती है। जिसके बाद कप्तान रहाणे ने अश्विन को ब्रेक देकर रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की जोड़ी से गेंदबाजी करवाने का फैसला लिया।