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कोविड-19 लॉकडाउन में मिले लंबे ब्रेक से खुश नहीं भारतीय पेसर मोहम्मद शमी, सता रहा ये डर

49 टेस्ट में 180 विकेट ले चुके इस गेंदबाज ने कहा कि बीसीसीआई जब भी शिविर शुरू करेगा, उन्हें फायदा मिलेगा

Published: July 10, 2020 9:20 AM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Kamlesh Rai

कोविड-19 लॉकडाउन में मिले लंबे ब्रेक से खुश नहीं भारतीय पेसर मोहम्मद शमी, सता रहा ये डर
Mohammad Shami

कोविड-19 महामारी के कारण खिलाड़ियों के सामने खुद को फिट रखने की बड़ी चुनौती है. टीम इंडिया के लिए 29 टेस्ट मैच खेल चुके तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का कहना है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन में थके हुए शरीर को आराम और मजबूत होने का समय जरूर मिला लेकिन उन्हें डर है कि लंबे ब्रेक से उनकी लय पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.

‘दूसरे भारतीय क्रिकेटरों की तुलना में बेहतर स्थिति में हूं’

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शमी ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि महानगरों में रहने वाले दूसरे भारतीय क्रिकेटरों की तुलना में वह बेहतर स्थिति में हैं और साहसपुर में अपने पैतृक घर के खुले आंगन में अभ्यास करते रहे हैं . उन्होंने घर के भीतर ही एक छोटा क्रिकेट मैदान बना रखा है.

उन्होंने कहा ,‘इसे दो तरीके से देख सकते हैं .भारतीय टीम का कार्यक्रम हमेशा व्यस्त रहता है और इस ब्रेक से थके हुए शरीर को आराम का समय मिला. एक तरफ आपको शारीरिक फायदा हुआ और आप अधिक फिट तथा मजबूत हो गए लेकिन लंबे समय तक नहीं खेलने से लय चली जाती है. यही फर्क है. फायदे और नुकसान तो इस पर निर्भर है कि आप अपने शरीर की देखभाल कैसे कर रहे हैं .’

‘बीसीसीआई जब भी शिविर शुरू करेगा, फायदा मिलेगा’

49 टेस्ट में 180 विकेट ले चुके इस गेंदबाज ने कहा कि बीसीसीआई जब भी शिविर शुरू करेगा, उन्हें फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा ,‘निश्चित तौर पर मुझे फायदा होगा क्योंकि मैं नियमित अभ्यास कर रहा हूं. यह चोट के कारण मिले ब्रेक से अलग है . मैं लय में रहा हूं और कोई जकड़न महसूस नहीं हो रही . समय के साथ लय मिल ही जाएगी.’

शमी ने यह भी कहा कि वह अनुमान नहीं लगा सकते कि लार के बिना लाल गेंद कैसे पेश आएगी. उन्होंने यह भी कहा कि नेट पर उन्होंने पुरानी गेंद से अभ्यास नहीं किया. उन्होंने कहा ,‘जैसी परिस्थितियां चाहिये वैसी नहीं होने पर आप पुरानी गेंद से अभ्यास नहीं कर सकते. नेट पर जो पुरानी गेंद ली जाती है , वह कई दिन बॉक्स में रहती है और मैच की पुरानी गेंद से अलग होती है . मैच में तो लगातार खेलते हुए गेंद पुरानी होती है.’

‘कोशिश करूंगा कि लार का इस्तेमाल नहीं करूं’

उन्होंने कहा ,‘अभ्यास के दौरान मैं नई गेंद से ही गेंदबाजी करूंगा और कोशिश करूंगा कि लार का इस्तेमाल नहीं करूं.’उन्होंने कहा कि उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि लार के बिना गेंद को स्विंग मिलेगी या नहीं. लोग मुझसे यह सवाल पूछते हैं लेकिन मेरे पास कोई जवाब नहीं है . हम बरसों से लार का इस्तेमाल करते आये हैं . यह आदत है . एक बार लार के बिना गेंदबाजी करेंगे, तभी पता चल सकेगा.’

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