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सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ की वो सलाह जिसकी मदद से भारत जीत सका था नेटवेस्ट फाइनल

भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 का नेटवेस्ट फाइनल लॉर्ड्स के मैदान पर जीता था।

Published: July 25, 2020 9:49 AM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Gunjan Tripathi

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ की वो सलाह जिसकी मदद से भारत जीत सका था नेटवेस्ट फाइनल
राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली (AFP)

पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज अजय रात्रा (Ajay Ratra) ने खुलासा किया कि साल 2002 के नेटवेस्ट फाइनल के दौरान जब भारतीय टीम मुश्किल में थी तो टीम के सीनियर खिलाड़ियों- कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly), सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की किस सलाह ने भारत को मैच जीतने की प्रेरणा दी थी।

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हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में रात्रा ने बताया कि तीनों दिग्गज खिलाड़ियों ने एक साथ एक ही बात बोली थी- ‘हम अपना स्वाभावित खेल खेलेंगे और फिर देखेंगे कि हम कहां तक जाते हैं’। बस फिर क्या था, इसके बाद भारतीय टीम ने 325 जैसे विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए लॉर्ड्स के मैदान पर ऐतिहासिक जीत हासिल की।

रात्रा ने कहा, “2002 में 325 एक बड़ा स्कोर था और वो भी लॉर्ड्स में खेले जा रहे फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ। इंग्लैंड उस टूर्नामेंट में अच्छा खेल रही थी। इसलिए हमारी पारी की शुरुआत में ड्रेसिंग रूम का माहौल अच्छा नहीं था लेकिन सभी सकारात्मक थे। सचिन, राहुल, दादा ने कहा कि हम अपना स्वाभाविक खेल खेलेंगे और देखेंगे कि हम कहां तक जाते हैं। ये सुनकर हम सभी प्रेरित हुए।”

उन्होंने कहा, “हमें पता था कि हमारा बल्लेबाजी क्रम अच्छा है। वीरू, गांगुली ने अच्छी शुरुआत की। जब आप ऐसे बड़े लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं, मौके कम मिलते हैं। लेकिन जिस तरह दादा और वीरू ने 100 रन की साझेदारी बनाकर हमें ठोस शुरुआत दिलाई, उससे हमें आत्मविश्वास मिला।”

रात्रा ने आगे कहा, “हमें पता था कि हमारी बल्लेबाजी में गहराई है। राहुल, कीपर के भूमिका में खेल रहे थे, हमारे पास नंबर 7 तक स्पेशलिस्ट बल्लेबाज थे। हमने बीच में जल्दी-जल्दी चार-पांच विकेट खो दिए, लेकिन उस टीम की अच्छी बात यह थी कि हमारा रन रेट चेज के दौरान बरकरार रहा।”

गांगुली और सहवाग के बीच शानदार 106 रनों की साझेदारी के बावजूद भारत ने 146 के स्कोर पर 5 विकेट खो दिए थे। जिसके बाद युवराज सिंह (69) और मोहम्मद कैफ (87) ने मिलकर भारत ने तीन गेंद बाकी रहते दो विकेट से शानदार जीत दिलाई।

इन दो खिलाड़ियों के बारे में रात्रा ने कहा, “जब हमारे पांच विकेट गिर गए थे तो मैं ड्रिंक्स लेकर युवराज और कैफ के पास गया था, क्योंकि मैं मैच नहीं खेल रहा था। हमारे पास बात करने का थोड़ा समय था इसलिए मैदान पर ये बात हुई कि हमें एक गेंद-एक रन से ज्यादा चाहिए होगा। हमें केवल आत्मविश्वास बनाए रखने की जरूरत थी। लेकिन जिस तरह से उन्होंने पुल और कवर्स के ऊपर से शॉट खेले मुझे लगता है ये कैफ की सर्वश्रेष्ठ पारी थी।”

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Published Date: July 25, 2020 9:49 AM IST