Top Recommended Stories

कई बार स्ट्राइक रेट मायने नहीं रखता, गेंदो का सामना करना ज्यादा अहम होता है: चेतेश्वर पुजारा

भारतीय टेस्ट टीम के शीर्ष क्रम बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का कहना है कि वो रन बनाने से ज्यादा क्रीज पर समय बिताने को ज्यादा महत्व देते हैं।

Published: January 31, 2021 4:47 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Gunjan Tripathi

कई बार स्ट्राइक रेट मायने नहीं रखता, गेंदो का सामना करना ज्यादा अहम होता है: चेतेश्वर पुजारा
(BCCI)

भारतीय टेस्ट टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) रन बनाने से ज्यादा क्रीज पर समय बिताने को महत्व देते हैं। पुजारा का मानना है कि कई बार गेंदों का सामना करना रन बनाने से अधिक मायने रखता है। पुजारा को अक्सर धीमी बल्लेबाजी और खराब स्ट्राइक रेट के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है। लेकिन ये शीर्ष क्रम बल्लेबाज विपरीत परिस्थितियों में प्रदर्शन करने की क्षमता को तवज्जों देता है।

Also Read:

पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के दो पिछले दौरों के बारे में पीटीआई से कहा, ‘‘दोनों दौरे टीम के लिए शानदार रहे और निजी तौर पर मैंने दोनों दौरों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन परिस्थितियां पूरी तरह से भिन्न थी। मैंने लगभग आठ महीने बाद (कोविड-19 के कारण) वापसी की। इस बीच कोई प्रथम श्रेणी मैच भी नहीं हुआ। ’’

पुजारा ने जहां साल 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के प्रमुख बल्लेबाज की भूमिका निभाई थी, वहीं इस दौरे पर पुजारा ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम को कई बार मुश्किलों से निकाला, खासकर कि ब्रिसबेन में खेले गए आखिरी टेस्ट मैच में जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पेस अटैक का सामना करते हुए अर्धशतकीय पारी खेली।

पुजारा ने कहा, ‘‘तैयारियों के लिहाज से ये आसान नहीं था और ऑस्ट्रेलियाई टीम हमारे में से प्रत्येक के लिए रणनीति के साथ उतरी थी। लय हासिल करने में थोड़ा समय लगा लेकिन सौभाग्य से आखिर में सब कुछ सकारात्मक रहा। आंकड़ों के लिहाज से ये बहुत बहुत अच्छी सीरीज नजर नहीं आ रही हो लेकिन अगर आप पिचों पर गौर करो तो इस बार बहुत अधिक रन नहीं बने। निसंदेह यह पिछली बार की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण था।’’

भारत की तरफ से अब तक 81 टेस्ट मैच खेलने वाले पुजारा ने कहा कि दो साल पहले खेली गयी 1,258 गेंदों की तुलना में इस बार उन्होंने जिन 928 गेंदों का सामना किया वो चुनौतीपूर्ण तेज गेंदबाजी अटैक, पिच और भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के कारण अधिक मायने रखती है।

पुजारा ने कहा, ‘‘दोनों दौरों की तुलना करना बहुत मुश्किल है लेकिन ये दौरा खास था क्योंकि हमारी टीम कमजोर थी और कई युवा खिलाड़ी खेल रहे थे। वैसे मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि केवल यही सर्वश्रेष्ठ सीरीज थी जिसका मैं हिस्सा रहा हूं।  यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया में पिछली सीरीज भी कड़ी थी तथा 2017-18 की घरेलू सीरीज भी चुनौतीपूर्ण थी जिनका मैं हिस्सा रहा।’’

पुजारा का स्ट्राइक रेट अक्सर चर्चा का विषय बना रहता है क्योंकि वो एक तरफ से पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क जैसे गेंदबाजों को पस्त करके दूसरे छोर के बल्लेबाजों के लिये काम आसान करते रहे। उन्होंने कहा, ‘‘कई बार ऐसा समय आता है जबकि स्ट्राइक रेट मायने नहीं रखता। प्रत्येक बल्लेबाज की अपनी भूमिका होती है। टीम प्रबंधन इसे अच्छी तरह से समझता है। चाहे वह रवि (शास्त्री, मुख्य कोच) भाई हो या विक्की (विक्रम राठौड़, बल्लेबाजी कोच) भाई या अजिंक्य (रहाणे), उन्होंने मुझसे उसी तरह से बल्लेबाजी करने के लिए कहा जैसी मैं करता हूं। ’’

पुजारा ने कहा, ‘‘मुझे रन बनाने के लिए अतिरिक्त समय लेना पड़ा। मैं हमेशा बड़ी तस्वीर पर ध्यान देता हूं क्योंकि मैं जानता था कि अगर मैं एक छोर पर टिका रहा तो गेंदबाजों के लिए टीम को आउट करना आसान नहीं होगा। यहां तक कि परिस्थितियों के अनुसार मेरी बल्लेबाजी भी बदल जाती है। जब पिच बल्लेबाजी के लिये अनुकूल हो तो मैं स्ट्राइक रोटेट करूंगा। आप एक ही तरह से बल्लेबाजी नहीं कर सकते। यह अच्छा है कि दूसरे छोर पर रोहित और ऋषभ जैसे स्ट्रोक प्लेयर थे और ऐसे में मुझे उसी तरह से बल्लेबाजी करने की जरूरत थी जैसी मैं करता हूं। ’’

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Published Date: January 31, 2021 4:47 PM IST