सबूतों की कमी की वजह से श्रीलंका क्रिकेट ने 2011 विश्व कप 'मैच फिक्सिंग' जांच बंद की

साल 2011 के दौरान श्रीलंका के खेल मंत्री रहे महिंदानंद अलूथगाम के बयान के बाद विश्व कप फाइनल की जांच शुरू की गई थी।

Published: July 3, 2020 3:56 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Gunjan Tripathi

सबूतों की कमी की वजह से श्रीलंका क्रिकेट ने 2011 विश्व कप 'मैच फिक्सिंग' जांच बंद की
(AFP Photo)

श्रीलंकाई पुलिस ने शुक्रवार को 2011 विश्व कप फाइनल में मैच फिक्सिंग की जांच को सबूतों की कमी की वजह से बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे ये साबित हो कि श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने भारतीय टीम को जीतने में मदद की थी।

जांच के दौरान पूर्व मुख्य चयनकर्ता अरविंदा डी सिल्वा, पूर्व कप्तान कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara) और सलामी बल्लेबाज उपुल थरंगा से शक के आधार पर पूछताछ की गई थी।

एएफपी में छपे बयान में शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट हैं। जांच अब बंद कर दी गई है। फाइनल स्क्वाड में किए गए बदलावों को लेकर उनके पास स्पष्ट जवाब है। हमें किसी भी गलत काम का कोई सबूत नहीं मिला।”

2 अप्रैल 2011 को भारत के खिलाफ हुए विश्व कप फाइनल मैच से पहले श्रीलंका स्क्वाड में चार बदलाव हुए थे।

जांच को समाप्त करने का फैसला, उस टीम के कप्तान रहे महेला जयवर्धने के एसआईयू के ऑफिस में आकर बयान देने के बाद लिया गया। एसआईयू के ऑफिस में जाने से पहले दिए बयान में जयवर्धने ने कहा, “हम अपना पूरा समर्थन देंगे।”

गुरुवार को तत्कालीन कप्तान संगकारा से 10 घंटे तक पूछताछ करने के बाद जयवर्धने को ऑफिस बुलाया गया था। पूर्व खेल मंत्री महिंदानंद अलूथगाम के बयान के बाद ये जांच शुरू की गई थी। एमसीसी के अध्यक्ष संगकारा ने उन्हें आईसीसी के सामने ये आरोप रखने की सलाह दी थी।

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