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पैरालंपियन निशानेबाज को टोक्यो पैरालंपिक्स के दल में तत्काल शामिल किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

टोक्यो पैरालंपिक्स 24 अगस्त से शुरू हो रहे हैं और निशानेबाज शर्मा अपना चयन नहीं होने से व्यथित थे.

Updated: August 2, 2021 9:51 PM IST

By India.com Hindi News Desk | Edited by Zeeshan Akhtar

पैरालंपियन निशानेबाज को टोक्यो पैरालंपिक्स के दल में तत्काल शामिल किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) को आदेश दिया कि वह अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित पांच बार के पैरालंपियन निशानेबाज नरेश कुमार शर्मा का नाम आगामी टोक्यो खेलों के लिये अतिरिक्त प्रतिभागी के तौर पर तत्काल शामिल करे. अत्यावश्यक आधार पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने आज अपराह्न कहा, “हम प्रतिवादी संख्या-1 (पीसीआई) को निर्देश देते हैं कि वह याचिकाकर्ता (शर्मा) के नाम की अनुशंसा तत्काल पैरालंपिक्स की 50 मीटर पैरा निशानेबाज श्रेणी में अतिरिक्त प्रतिभागी या अतिरिक्त प्रविष्टि के तौर पर करे तथा कल तक अनुपालन रिपोर्ट दे.”

यह सुनवाई इसलिये महत्वपूर्ण थी क्योंकि प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष निशानेबाज की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इस मामले का उल्लेख कर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा था कि सुनवाई में देरी से खेलों के लिए भारतीय दल में शामिल किये जाने से जुड़ी उनकी याचिका का कोई मतलब नहीं रहेगा क्योंकि तोक्यो पैरालंपिक्स में शूटिंग प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने के लिये चयन की आखिरी तारीख दो अगस्त है.

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प्रधान न्यायाधीश ने वरिष्ठ अधिवक्ता को आश्वासन दिया कि वह फाइलें देखेंगे और फैसला करेंगे जिसके बाद याचिको को आज ही अपराह्न सुनवाई के लिये न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया. सिंह ने दलील दी थी, “आज आखिरी दिन है.” तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए पीसीआई की तरफ से प्रतिनिधित्व के बारे में सवाल किया गया. इस पर पीठ को बताया गया कि समिति की अध्यक्ष ने सत्यम नाम के वकील के साथ “फोन पर पांच मिनट बात करने के बाद अपना फोन स्विचऑफ कर लिया है.”

पीठ ने कहा कि अगर खेल समिति पेश नहीं होना चाहती है तो वह निर्देश जारी करेगी और युवा व खेल मंत्रालय की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराजन से “बबल में शामिल होने के लिये अंतिम तारीख” के बारे में उनकी राय पूछी. पीठ ने कहा, “अंतिम तिथि से पहले बबल में शामिल होने की जरूरत है. वह तारीख क्या है? नाम भेजने की आखिरी तारीख क्या है?”

विधि अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसे आदेशों पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि टीम का चयन समिति द्वारा किया जाना है और अगर पदक बढ़ते हैं तो सरकार को खुशी होगी. पीठ ने इसके बाद आदेश जारी करने की कार्रवाई शुरू की. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक समिति की अध्यक्ष ने अधिवक्ता सत्यम से व्यक्तिगत रूप से बात की. पीठ ने कहा कि कार्यवाही के बारे में बताए जाने पर कोई पेश नहीं हुआ.

पीठ ने कहा, “मामले में अत्यावश्यता और विशेष रूप से दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा प्रथम दृष्टया की गई टिप्पणियों के आलोक में, याचिकाकर्ता सफल हुआ और फिलहाल के लिए प्रतिवादी समिति को उचित निर्देश जारी किया जाना चाहिए.” पीठ ने निशानेबाज को तत्काल तोक्यो जाने वाले दल में शामिल करने का निर्देश देते हुए कहा कि अनुपालन के लिये यह आदेश समिति को भेजा जाए और शेष मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी.

टोक्यो पैरालंपिक्स 24 अगस्त से शुरू हो रहे हैं और निशानेबाज शर्मा अपना चयन नहीं होने से व्यथित थे. पैरालिंपियन निशानेबाज ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें तोक्यो खेलों के लिए उनका चयन नहीं करने के खिलाफ याचिका पर उसने सुनवाई के लिए छह अगस्त की तारीख तय की थी.

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