
Virat Kohli बोले- मैं भी हुआ हूं डिप्रेशन का शिकार, मानसिक स्वास्थ्य के लिए विशेषज्ञों का होना जरूरी
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने माना कि वह भी डिप्रेशन का शिकार हुए हैं और सभी खिलाड़ी कभी न कभी इससे जूझते हैं.

हमेशा जोश और उत्साह से लबरेज दिखने वाले टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) भी डिप्रेशन का शिकार रह चुके हैं. कोहली ने कहा कि जब वह बल्ले से रन नहीं बना पा रहे थे तब वह भी अवसाद (Depression) से घिर चुके थे और लगातार फेल होने के बाद उन्हें लग रहा था कि वह इस दुनिया के अकेले इंसान हैं. विराट इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोल्स से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने यह माना कि उन्होंने भी अवसाद का सामना किया है.
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विराट ने माना कि वह भी अपने करियर के मुश्किल दौर से गुजर हैं. इस बातचीत के दौरान कोहली से पूछा गया था कि क्या वह कभी डिप्रेशन में रहे हैं? इसके जवाब में भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हां, मेरे साथ ऐसा हुआ था. यह सोचकर अच्छा नहीं लगता था कि आप रन नहीं बना पा रहे हो और मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाजों को किसी दौर में ऐसा महसूस होता है कि आपका किसी चीजों पर कतई नियंत्रण नहीं है.’ कोहली साल 2014 के अपने इंग्लैंड दौरे की बात कर रहे थे, जब वह बुरी तरह फ्लॉप हुए थे.
तब इंग्लैंड के उस दौरे पर विराट ने 5 टेस्ट मैचों की 10 पारियों में 13.50 की औसत से रन बनाए थे. इस दौरान उन्होंने 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 रन की पारियां खेली थीं. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौर में उन्होंने 692 रन बनाकर शानदार वापसी की थी. उन्होंने इंग्लैंड दौरे के बारे में कहा, ‘आपको पता नहीं होता है कि इससे कैसे पार पाना है. यह वह दौर था, जबकि मैं चीजों को बदलने के लिए कुछ नहीं कर सकता था. मुझे ऐसा महसूस होता था कि जैसे कि मैं दुनिया में अकेला इंसान हूं.’
कोहली ने याद किया कि उनकी जिंदगी में उनका साथ देने वाले लोग थे लेकिन वह तब भी अकेला महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तब उन्हें पेशेवर मदद की जरूरत थी. उन्होंने कहा, ‘निजी तौर पर मेरे लिये वह नया खुलासा था कि आप बड़े समूह का हिस्सा होने के बावजूद अकेला महसूस करते हो. मैं यह नहीं कहूंगा कि मेरे साथ बात करने के लिये कोई नहीं था लेकिन बात करने के लिए कोई पेशेवर नहीं था, जो समझ सके कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं. मुझे लगता है कि यह बहुत बड़ा कारक होता है. मैं इसे बदलते हुए देखना चाहता हूं.’
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक भारतीय कप्तान का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे किसी खिलाड़ी का करियर बर्बाद हो सकता है.
कोहली ने कहा, ‘ऐसा व्यक्ति होना चाहिए, जिसके पास किसी भी समय जाकर आप यह कह सकें कि सुनिए मैं ऐसा महसूस कर रहा हूं. मुझे नींद नहीं आ रही है. मैं सुबह उठना नहीं चाहता हूं. मुझे खुद पर भरोसा नहीं है. मैं क्या करूं?’ उन्होंने कहा, ‘कई लोग लंबे समय तक ऐसा महसूस करते हैं. इसमें महीनों लग जाते हैं. ऐसा पूरे क्रिकेट सत्र में बने रह सकता है. लोग इससे उबर नहीं पाते हैं. मैं पूरी ईमानदारी के साथ पेशेवर मदद की जरूरत महसूस करता हूं.’
फिलहाल विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया के साथ अहमदाबाद में हैं. दोनों टीमों 4 टेस्ट मैच की सीरीज में आमने-सामने हैं और दो टेस्ट के बाद यह सीरीज 1-1 से बराबर है. सीरीज का तीसरा और चौथा टेस्ट अहमदाबाद में खेला जाएगा. तीसरा टेस्ट मैच पिंक बॉल (डे-नाइट टेस्ट) से होगा, जो 24 फरवरी से शुरू होगा.
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