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Beijing Winter Olympics: मानव अधिकारों को कुचल रहा चीन, विंटर ओलंपिक में 15 बड़े देश कर रहे विरोध

Beijing Winter Olympics: चीन में सालों से मानव अधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है. चीन पर अपने देश में अल्पसंख्यकों, हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र के समर्थकों और तिब्बत की आजादी की आवाज उठाने वालों को कड़ी यातनाएं देने के आरोप लगते रहे हैं.

Published: February 4, 2022 1:22 PM IST

By India.com Hindi Sports Desk | Edited by Arun Kumar

Beijing Winter Olympics: मानव अधिकारों को कुचल रहा चीन, विंटर ओलंपिक में 15 बड़े देश कर रहे विरोध
बीजिंग विंटर ओलंपिक @Beijing2022Twitter

चीन की राजधानी बीजिंग में आज (4 फरवरी) शीतकालीन ओलंपिक खेलों (Beijing Winter Olympics 2022) का आगाज हो रहा है. इन खेलों की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार को ओपनिंग सेरिमनी से होगी, लेकिन उसके इस रंगारंग कार्यक्रम की योजना फीकी होती दिखाई दे रही है क्योंकि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत दुनिया के 15 देश उसके विरोध में हैं. इन सभी देशों ने इन खेलों की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरिमनी में अपने राजनयिकों के हिस्सा न लेने का खुला ऐलान कर दिया है. ये सभी देश चीन में हो रहे मानवअधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ खड़े हुए हैं, जिन्हें चीन हमेशा से खारिज करता रहा है. 15 देशों द्वारा ओपनिंग और क्लोजिंग सेरिमनी के बहिष्कार के ऐलान के बाद चीन के लिए यह शर्मिंदगी वाली स्थिति है.

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चीन के खिलाफ हुए ये 15 देश

चीन के ऊपर हमेशा ही मानव अधिकारों के उल्लंघन और नरसंहार के आरोप लगते रहे हैं, जिन्हें वह हमेशा से खारिज करता रहा है. चीन अपने झिंजियांग प्रांत में अल्पसंख्यकों का दमन, हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र के पैरोकारों और तिब्बत की आजादी के समर्थकों को लगतार कुचल रहा है. इसके खिलाफ अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने फैसला लिया कि वह अपने राजनयिकों और अधिकारियों को इन खेलों में भाग लेने की इजाजत नहीं देंगे.

अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, कनाडा समेत कई बड़े देशों ने किया बहिष्कार

इसके बाद ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, डेनमार्क, स्वीडन, ऑस्ट्रिया, एस्टोनिया, लतीवा, लिथुआनिया, चेक गणराज्य और जापान ने भी ऐसा ही निर्णय लेकर चीन की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इन देशों ने कहा कि वह वे सभी इन खेलों में अपने खिलाड़ियों का भरपूर समर्थन करते हैं लेकिन वे चीन में मानव अधिकारों के खिलाफ चुप नहीं बैठ सकते.

चीन की इस करतूत के खिलाफ है भारत

चीन खेल के मंच पर भी अपनी कुटिल चाल चलने से बाज नहीं आ रहा है. उसने इन खेलों में अपना मशालवाहक (Torchbearer) अपने उस सैनिक को बनाया है, जो साल 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुए खूनी संघर्ष में शामिल था. चीन की सेना पीएलए (People’s Liberation Army) का यह सैनिक क्यूई फैबाओ गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष में शामिल था.

भारत ने भी किया ओपनिंग-क्लोजिंग सेरिमनी का बहिष्कार

भारत ने इन ओलंपिक खेलों का राजनीतिकरण करने के चीन के दुस्साहस को शर्मनाक करार दिया है. इसके साथ ही उसने फैसला किया है कि बीजिंग में मौजूद भारतीय राजनयिक बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक 2022 की ओपनिंग और क्लोजिंग सेरिमनी में भाग नहीं लेंगे. इसके अलावा भारत का राष्ट्रीय खेल चैनल डीडी स्पोर्ट्स भी विंटर ओलंपिक के इन दोनों कार्यक्रमों का प्रसारण नहीं करेगा.

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