
300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है पेरिस का एफिल टावर, जानिए कैसे था बना? नहीं पहुंच पाया था यहां हिटलर!
18,038 लोहे के टुकड़ों से बना पेरिस का एफिल टावर पर्यटकों के बीच खासा आकर्षण का केंद्र बना रहता है. इस खूबसूरत और चमचमाती रोशनी में जगमगाते हुए एफिल टावर को देखने के लिए हर साल करोड़ों की संख्या में टूरिस्ट पेरिस आते हैं.

18,038 लोहे के टुकड़ों से बना पेरिस का एफिल टावर पर्यटकों के बीच खासा आकर्षण का केंद्र बना रहता है. इस खूबसूरत और चमचमाती रोशनी में जगमगाते हुए एफिल टावर को देखने के लिए हर साल करोड़ों की संख्या में टूरिस्ट पेरिस आते हैं.
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फ्रांस की संस्कृति का प्रतीक यह टावर राजधानी पेरिस में स्थित है और एक प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट है. इस एफिल टावर का निर्माण 1889 में गुस्ताव एफिल ने किया था, जिनके नाम पर इस लौहे के टावर का नाम एफिल टावर पड़ा. एफिल टावर की ऊंचाई 300 मीटर है. इस टावर के सबसे ऊपरी माले पर पहुंचने के लिए पर्यटकों को करीब 1,665 सीढ़ियां चढ़नी होंगी. एफिल टावर में रात के वक्त तस्वीरें खींचना गैरकानूनी है. दरअसल, इस टावर पर लगी लाइट्स के डिजाइन पर उसके कलाकारों का कॉपीराइट रहता है.
300 कारीगरों ने किया था एफिल टावर का निर्माण
एफिल टावर का निर्माण 300 कारीगरों ने काम किया था. इसे बनाने में 18,038 लोहे के टुकड़े और 2.5 मिलियन कील का यूज हुआ था. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर जब पेरिस पहुंचा तो एफिल टावर के लिफ्ट की केबल काट दी गई थी, ताकि वो टावर के ऊपर न पहुंच सके.
पेरिस का एफिल टावर विश्व में उल्लेखनीय निर्माणों में से एक है. जिसका निर्माण पेरिस में सीन नदी के तट पर हुआ है. इस संरचना की खूबसूरती पर्यटकों का दिल जीत लेती है. एफिल टावर फ्रांस की पहचान है, जिसे देखने के लिए काफी तादाद में टूरिस्ट यहां आते हैं और इसकी खूबसूरती उनको मंत्रमुग्ध कर देती है. इस टावर के हर किनारे की लंबाई 125 मीटर है. इसकी एंटीना की ऊंचाई 116 मीटर है. जबकि टावर की कुल ऊंचाई 300 मीटर से ज्यादा है.
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