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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जैन तीर्थ स्थल कुंडलपुर को ‘पवित्र क्षेत्र’ घोषित कर दिया है. उन्होंने जैन धर्म के इस ऐतिहासिक तीर्थ को ‘पवित्र क्षेत्र’ घोषित करते हुए कहा कि यहां अब मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
कुंडलपुर, सूबे के दमोह जिले में स्थित है जो कि भोपाल से 285 किलोमीटर दूर है. विकिपीडिया के मुताबिक, कुंडलपुर शहर की स्थापना 8वीं सदी में हुई थी. यह जैन धर्म का पवित्र स्थल है. यहां जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव की बड़ी प्रतिमा है जो कि पद्मासन मुद्रा में है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 15 फीट है.
कुंडलपुर की दूरी दमोह से 35 किलोमीटर है. विकिपीडियो के मुताबिक, कुंडलपुर में 63 जैन मंदिर हैं. उनमें से 22वां मंदिर काफी प्रसिद्ध है. इसी मंदिर में ऋषभदेव की विशाल प्रतिमा है. इस प्रतिमा की खासियत है कि इसमें ऋषभदेव पद्मासन मुद्रा में बैठे हैं. यह मंदिर कुण्डलपुर का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है. एक शिलालेख के अनुसार, विक्रम संवत् 1757 में यह मंदिर फिर से भट्टारक सुरेन्द्रकीर्ति द्वारा खोजा गया था. तब यह मंदिर जीर्ण शीर्ण हालत में था. उस वक्त बुंदेलखंड के शासक छत्रसाल की मदद से मंदिर का पुनः निर्माण कराया गया था.
कुंडलपुर आप बस, ट्रेन और प्लेन से पहुंच सकते हैं.
नजदीकी एयरपोर्ट- जबलपुर
अगर आप कुंडलपुर हवाई जहाज से जा रहे हैं तो आपको जबलपुर उतरना होगा. यहां से फिर आपको 155 किलोमीटर की दूरी रोड के जरिए तय करनी होगी.
नजदीकी रेलवे स्टेशन- दमोह रेलवे स्टेशन
अगर आप कुंडलपुर ट्रेन से जा रहे हैं तो आपको दमोह रेलवे स्टेशन उतरना होगा. यहां से कुंडलपुर की दूरी 35 किलोमीटर है.
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