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आगरा में एक नहीं बल्कि दो ताजमहल हैं. जी हां, सुनकर आप सोच रहे होंगे कि दूसरा ताजमहल कौन-सा है और इसका रहस्य क्या है? शाहजहां और मुमताज के इश्क की निशानी संगमरमर के ताजमहल को आपने कई बार देखा होगा और यहां गये होंगे, लेकिन लाल ताजमहल शायद की गये होंगे और यहां के बारे में कम ही सुना होगा. यहां हम आपको लाल पत्थर से बने लाल ताजमहल के बारे में बता रहे हैं. यह लाल ताजमहल भी मोहब्बत की ही निशानी है.
लाल ताजमहल कर्नल जॉन विलियम हैसिंग की याद में बनाया गया था. इसे उनकी पत्नी ने बनवाया था. सही मायने में यह लाल ताजमहल जॉन हेसिंग की कब्र है. जिसे 19वीं शताब्दी में बनाया गया था. जॉन हेसिंग ब्रिटिश सेना में अधिकारी थे. उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी ने उनकी कब्र के तौर पर इसे बनवाया था. यह लाल ताजमहल आगरा के एक कब्रिस्तान में बना हुआ है. इतना ही नहीं, उस वक्त हेसिंग आगरा के किले की रक्षा करने वाली सेना के सेनापति थे. इस लाल ताजमहल को लेकर कई तरह की भूतिया बातें भी कही जाती हैं. यहां रात के वक्त सैलानी नहीं जाते. इसे लेकर कहा जाता है कि यहां रात के वक्त डरावनी आवाजें आती हैं.
लाल ताजमहल आगरा के असल ताजमहल की तरह भव्य तो नहीं है, लेकिन इसकी इमारत काफी सुंदर है. लाल पत्थर से बने होने की वजह से यह मकबरा और ज्यादा आकर्षक लगता है. विलियम हेसिंग का देहांत 21 जुलाई 1803 में हुआ था. कहा जाता है कि जब उनकी पत्नी ने आगरा का ताजमहल देखा तो उसी वक्त यह तय कर लिया है कि पति और पत्नी में से जो पहले इस दुनिया को अलविदा कहेगा उसकी याद में ऐसा ही ताजमहल बनाया जाएगा. जब हेसिंग की मृत्यु हुई तो उनकी पत्नी ने अपने पति की याद में यह मकबरा बनाया. लाल ताजमहल के नाम से लोकप्रिय यह मकबरा 100 से 200 फीट के दायरे में बना है. इसमें चार मीनारें हैं और चारों तरफ चार बड़े प्रवेश द्वार हैं. यहां हेसिंग के साथ ही उनकी पत्नी की भी कब्र है. यह ताजमहल आगरा के भगवान टॉकीज चौराहे के पास स्थित है. जहां यह मकबरा है वहां रोमन कैथोलिक कब्रिस्तान है. जिसके बीच में इसे बनाया गया है.
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