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शिवरात्रि पर ही खुलता है भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मंदिर, दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालु

अगर आप भगवान शिव के भक्त हैं, तो इस शिवरात्रि प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं. इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और दर्शन से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

Updated: February 25, 2022 9:07 AM IST

By Lalit Fulara

शिवरात्रि पर ही खुलता है भगवान शिव का यह प्रसिद्ध मंदिर, दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं श्रद्धालु

Shivratri 2022 Famous Someshwar Mahadev Mandir: देशभर में भगवान शिव के कई पौराणिक मंदिर हैं. इन मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. अगर आप भगवान शिव के भक्त हैं, तो इस शिवरात्रि प्राचीन सोमेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं. इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना और दर्शन से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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महाशिवरात्रि पर ही खुलता है सोमेश्वर महादेव मंदिर

सोमेश्वर महादेव मंदिर की खास बात है कि इसके पट साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दिन ही खुलते हैं. जहां देशभर में मौजूद भगवान शिव के अन्य मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सालभर खुले रहते हैं, वहीं सोमेश्वर मंदिर साल में एक बार खुलता है और शिवरात्रि के दिन दूर-दराज से श्रद्धालु इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और शिवलिंग के दर्शन के लिए आते हैं.

12 घंटे के लिए ही खुलता है मंदिर

यह प्राचीन शिव मंदिर शिवरात्रि के दिन सुबह 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक सिर्फ 12 घंटे के लिए ही खुलता है. इस मंदिर को प्रशासनिक और पुरातत्व विभाग की मौजूदगी में खोला जाता है. सोमेश्वर मंदिर को सूर्यास्त के बाद बंद कर दिया जाता है.

कहां है सोमेश्वर महादेव मंदिर

भोलेनाथ का यह मंदिर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में है. मंदिर एक ऊंचे पहाड़ पर बना हुआ है. सोमेश्वर महादेव के दर्शन काफी दुर्लभ माने जाते हैं. यही वजह है कि शिवरात्रि के दिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. हालांकि, जब मंदिर बंद होता है उस वक्त भी भगवान शिव के भक्त यहां आते हैं और बाहर से ही अपनी भावना व्यक्त करके एवं पूजा-पाठ करके चले जाते हैं. इस दौरान मंदिर के गेट पर ताला लगा रहता है. मन्नत मांगने वाले भक्त मंदिर के लोहे के गेट पर कलावा बांधकर जाते हैं और जब उनकी मुरादें पूरी होती हैं, तो कलावा खोलने के लिए आते हैं. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां स्थित शिवलिंग पर जब सूर्य की किरणें पड़ती हैं, तो यह सोने की तरह चमक उठता है.श्रावण मास में श्रद्धालुओं के जलाभिषेक के लिए इस मंदिर में अलग व्यवस्था की जाती है. लोहे की जाली लगाकर भगवान शिव के दूर से ही दर्शन कराए जाते हैं और पाइप के जरिए शिवलिंग पर जल अर्पित किया जाता है.

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Published Date: February 25, 2022 9:03 AM IST

Updated Date: February 25, 2022 9:07 AM IST