
Prayagraj: छात्रों से झड़प मामले में 2 गिरफ्तार, 6 पुलिसकर्मी तत्काल प्रभाव से निलंबित
प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के कथित दंगा करने और ट्रैक रोकने की कोशिश के बाद पुलिस ने गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले मंगलवार को उन पर बल प्रयोग किया. इस मामले में अब अनावश्यक रूप से बल प्रयोग करने के आरोप में 6 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के कथित दंगा करने और रेल ट्रैक रोकने की कोशिश के बाद पुलिस ने गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले मंगलवार को उन पर बल प्रयोग किया. इस मामले में अब अनावश्यक रूप से बल प्रयोग करने के आरोप में 6 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. पुलिस के कथित बल प्रयोग के वीडियो सोशल मीडिया (Social Media) पर आने के बाद इस मामले का राजनीतिकरण हो गया था. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) और कई अन्य नेताओं ने पुलिस के बल प्रयोग की निंदा की थी.
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गौरतलब है कि प्रयागराज में छात्रों ने यहां के रेलवे स्टेशन पर कथित तौर पर दंगा किया और रेल ट्रैक को रोक दिया. इस संबंध में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही लगभग एक हजार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों ने प्रयागराज में एक यात्री ट्रेन को रोकने की कोशिश की थी. जीआरपी और आरपीएफ ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन रोकने के उनकी कोशिशों को विफल कर दिया.
छात्रों पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग को लेकर पांच वकीलों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक पत्र याचिका दायर की है. इस बीच, सोशल मीडिया पर कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी करने वाले एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है आरोपी ने अशांति फैलाने के लिए ‘कुछ राजनीतिक दलों से पैसे’ लिए थे. इस एंगल से घटना की जांच के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया है.
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रेलवे भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं के विरोध में वहां जमा हुए नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के खिलाफ बल प्रयोग की निंदा की है. पुलिस ने कहा कि मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान प्रदीप यादव और मुकेश यादव के रूप में हुई है, जबकि एक अन्य संदिग्ध राजेश सचिन की तलाश जारी है. राजेश सचिन ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणी की थी.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय कुमार ने कहा कि घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को अनावश्यक बल प्रयोग करते देखा गया था. इन पुलिसकर्मियों की पहचान सब इंस्पेक्टर राकेश भारती, शैलेंद्र यादव, कपिल कुमार चहल और कांस्टेबल मोहम्मद आरिफ, अच्छे लाल और दुर्वेश कुमार के रूप में हुई है. उन्होंने कहा कि उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है.
एसएसपी ने कहा कि पुलिस और छात्रों के बीच कोई झगड़ा नहीं है और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि उन्होंने 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ 13 गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. इस बीच, प्रयागराज से कांग्रेस उम्मीदवार अनुग्रह नारायण सिंह ने छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की. सिंह ने कहा कि बेरोजगार युवा अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं और अपने अधिकारों की मांग करना अपराध नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि मार्च 2019 से अब तक लगभग 1.24 लाख छात्रों ने ग्रुप डी के तहत रेलवे की नौकरियों के लिए आवेदन किया था. सरकार ने भर्ती को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया, ऐसे में उनका गुस्सा जायज है. बड़ी संख्या में छात्र रेलवे ट्रैक पर जमा हो गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया. इस दौरान कुछ छात्रों ने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया.
(इनपुट – आईएएनएस)
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