
बुआ-बबुआ में कलह जारी, मायावती बोलीं - जो अपना सपना पूरा नहीं कर सके, वो दूसरों का क्या करेंगे?
बुआ और बबुआ में कलह थमने का नाम नहीं ले रही. जी हां, आप सही समझे हम बुआ मायावती और बबुआ अखिलेश यादव की बात कर रहे हैं. इन दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती और अखिलेश यादव एक-दूसरे पर खूब शब्द बाण चला रहे हैं. देखना होगा कि दोनों के तरकश में और कौन-कौन से तीर हैं, जो चलने बाकी हैं.

लखनऊ : साल 2019 के लोकसभा चुनाव (General Election 2019) में गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की राहें बहुत पहले ही फिर अलग हो चुकी हैं. मायावती (Mayawati) और अखिलेश (Akhilesh Yadav) दोनों के बीच शब्द बाण चल रहे हैं और कोई भी हथियार डालने को तैयार नहीं है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर पर शुक्रवार को ताजा हमला बोलते हुए कहा, जो अपना सपना पूरा नहीं कर सके, वह दूसरों का सपना कैसे पूरा करेंगे.
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मायावती ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि जो मुख्यमंत्री बनने का अपना सपना पूरा नहीं कर सकते वह दूसरों का प्रधानमंत्री बनने का सपना कैसे पूरा करेंगे. बसपा प्रमुख ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘सपा मुखिया उत्तर प्रदेश में मुस्लिम व यादव समुदाय का पूरा वोट लेकर तथा कई-कई पार्टियों से गठबंधन करके भी जब मुख्यमंत्री बनने का अपना सपना पूरा नहीं कर सके, तो फिर वह दूसरों का प्रधानमंत्री बनने का सपना कैसे पूरा करा सकते हैं?’
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ चुकी बसपा और सपा प्रमुखों के बीच जुबानी जंग पिछले कुछ दिनों में तेज हुई है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार 27 अप्रैल को मैनपुरी में संवाददाताओं से कहा था, ‘बसपा ने उत्तर प्रदेश चुनाव में अपना वोट भारतीय जनता पार्टी (BJP) को हस्तांतरित कर दिया. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा मायावती को राष्ट्रपति बनाती है या नहीं.’
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को अपने वोट हस्तांतरित करने के आरोप पर मायावती ने पलटवार करते हुए कहा था, ‘मैं अपनी जिंदगी में फिर से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने और आगे चलकर देश की प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हूं, लेकिन देश का राष्ट्रपति बनने का सपना मैं कभी नहीं देख सकती.’
बसपा सुप्रीम मायावती के उक्त बयान के कुछ ही घंटों बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बातचीन में कहा, वह भी यही चाहते थे और पिछली बार (Loksabha Election 2019) इसीलिए उनके दलों ने गठबंधन किया था. उन्होंने कहा, अगर वह गठबंधन जारी रहता, तो बसपा और डॉ. भीम राव अंबेडकर के अनुयायियों ने देखा होता कि कौन प्रधानमंत्री बनता.
मायावती ने अखिलेश यादव के इस बयान को बचकाना करार दिया है. उन्होंने कहा, ‘जो पिछले लोकसभा चुनाव में, बसपा से गठबंधन करके भी, यहां खुद पांच सीटें ही जीत सके, वह बसपा की मुखिया को कैसे प्रधानमंत्री बना पाएंगे? अतः उनको ऐसे बचकाने बयान देना बंद करना चाहिए.’
(इनपुट – पीटीआई)
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