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कोरोना के बावजूद पिछले एक साल में 682 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब गटक गए अलीगढ़ के लोग

साल 2020-2021 में कोरोना अपने चरम पर था. इसके बावजूद अलीगढ़ में अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक एक साल में 682 करोड़ की शराब की बिक्री हुई. जिला आबकारी अधिकारी सतीष चंद्र ने यह आंकड़े सामने रखे हैं. एक साल में 682 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिकॉर्डतोड़ शराब बिक्री से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में मदिरा प्रेमियों की कोई कमी नहीं है.

Updated: March 31, 2022 6:00 PM IST

By Digpal Singh

कोरोना के बावजूद पिछले एक साल में 682 करोड़ रुपये से ज्यादा की शराब गटक गए अलीगढ़ के लोग

Aligarh Alcohol Sales: साल 2020-2021 में कोरोना (Corona) अपने चरम पर था. लंबे समय तक लॉकडाउन (Lockdown) लगा रहा, जिस दौरान शराब की दुकानें भी बंद थीं. फिर जब दुकानें खुलीं तो कोरोना मरीजों को शराब के सेवन से दूर रहने को कहा गया. यही नहीं वैक्सीन (Vaccine) लेने वाले आम लोगों को भी शराब से दूर रहने को कहा गया था और कई लोगों ने स्वयं शराब से दूरी बनाई. इसके बावजूद अलीगढ़ में अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक एक साल में 682 करोड़ की शराब की बिक्री हुई.

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इस तरह से कहा जा सकता है कि अलीगढ़ जिले के लिए बीता एक वर्ष शराब के कारोबार के लिहाज से काफी लकी रहा है. जिले के लोग एक साल के भीतर 6.82 अरब रुपये से ज्यादा की शराब गटक गए. एक साल में 682 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिकॉर्डतोड़ शराब बिक्री से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में मदिरा प्रेमियों की कोई कमी नहीं है.

जिला आबकारी अधिकारी सतीष चंद्र ने बताया कि जिले में पिछले एक सालों में 90 लाख, 57 हजार, 772 लीटर देसी शराब का उपभोग हुआ था, जो इस साल बढ़कर 1 करोड़, 12 लाख, 61 हजार, 978 करोड़ लीटर हो गया. यह बढ़ोतरी 24 फीसद की रही. इसी तरीके से यदि अंग्रेजी शराब की बात करें तो तो पिछले साल 58 लाख, 95 हजार, 958 लीटर शराब की बिक्री हुई थी, जो इस साल बढ़कर 72 लाख, 19 हजार, 118 लीटर हो गया. अंग्रेजी शराब की बिक्री में 22 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई.

बीयर उपभोग की बात करें तो पिछले वर्ष 88 लाख, 25 हजार, 664 केन की बिक्री हुई थी, जबकि इस साल 1 करोड़, 34 लाख, 60 हजार, 295 केन बिकीं. इस तरह बीयर केन की बिक्री में भी 53 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई. यदि अलीगढ़ जिले के पूरे उपभोग राजस्व की बात की जाए तो देसी, विदेशी और बीयर की सेल से पिछले वर्ष 537.49 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि इस साल यह बिक्री 682.42 करोड़ रुपये की रही. इस तरह से गत वर्ष की तुलना में शराब उत्पादों से आने वाले राजस्व में 27 फीसद की बढ़ोतरी हुई.

शरीब की खरीद में सबसे बड़ा योगदान युवा वर्ग का रहा, जिसने सबसे अधिक शराब खरीदी. हालांकि, युवाओं के अलावा अधेड़ व बुजुर्गों ने भी जमकर शराब पर खर्च किया.

(इनपुट – अलीगढ़ से प्रमोद कुमार की रिपोर्ट )

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