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अलीगढ़ : चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती को लेकर मनमानी, हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक को लगाई लताड़

सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती को लेकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जमकर सियासत हो रही है. इस मनमानी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश के बेसिक क्षिक्षा निदेशक को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है और जवाब दाखिल नहीं करने पर उन्हें स्वयं हाजिर होकर इस संबंध में सफाई देने का निर्देश भी दिया है.

Published: March 30, 2022 10:30 AM IST

By Digpal Singh

इलाहाबाद हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

अलीगढ़/प्रयागराज : सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित अध्यापिकाओं की तैनाती को लेकर उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जमकर सियासत हो रही है. इस मनमानी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है. गौरतलब है कि अलीगढ़ में सहायक अध्यापक भर्ती में पिछड़ा वर्ग महिला कोटे में निर्धारित क्वालिटी प्वाइंट अंक से कम नंबर होने के कारण याचिकाकर्ता को अलीगढ़ में तैनाती देने से इनकार कर दिया गया, जबकि याचिकाकर्ता से कम अंक पाने वाली कई अन्य महिला अध्यापिकाओं को अलीगढ़ में ही तैनाती दे दी गई. याचिकाकर्ता को कासगंज आवंटित किया गया है.

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इलाहाबाद कोर्ट ने पहली नजर में इसे गलत करार दिया और लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश के बेसिक क्षिक्षा निदेशक को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है. यही नहीं कोर्ट ने जवाब दाखिल नहीं करने पर उन्हें स्वयं हाजिर होकर इस संबंध में सफाई देने का निर्देश भी दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को निर्धारित कर दी है. हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस सिद्धार्थ ने अंजू सिंह नाम की महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.

ज्ञात हो कि भर्ती परीक्षा में पास होने के बाद याचिकाकर्ता ने अलीगढ़ में तैनाती के लिए अर्जी दी थी. इस पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने उन्हें अलीगढ़ में तैनाती देने से इनकार कर दिया और कारण बताया कि पिछड़ा वर्ग महिला कोटे का क्वालिटी प्वाइंट अंग 71.47 है और उनको 70.08 अंक मिले हैं.

कोर्ट में अलीगढ़ में तैनात महिला अभ्यर्थियों की सूची दाखिल की गई, जिसमें कई ऐसी महिला अध्यापिकाओं को भी अलीगढ़ में तैनाती दी गई है, जिनके अंक 70 से कम हैं. इस पर कोर्ट ने बेसिक शिक्षा निदेशक से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. कोर्ट ने जवाब नहीं देने पर बेसिक शिक्षा निदेशक को स्वयं कोर्ट में हाजिर होकर सफाई देने को कहा है.

(इनपुट – Zee Reporter मोहम्मद गुफरान)

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