अयोध्या विवाद: कोर्ट के फैसले से पहले गायकों ने गाया भड़काऊ गाना, गर्माया माहौल

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में फैसला आने वाला है ऐसे में आगामी फैसले से पहले भड़काऊ गीतों के चलते शहर में माहौल गर्मा गया है.

Updated: November 7, 2019 8:19 PM IST

By IANS | Edited by Avinash Rai

Ayodhya
Ayodhya

अयोध्या: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में फैसला आने वाला है ऐसे में आगामी फैसले से पहले भड़काऊ गीतों के चलते शहर में माहौल गर्मा गया है. यहां पहले से ही अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जा चुकी है. जहां एक ओर मामले को लेकर सभी पक्ष सौहार्द और भाईचारे बनाने के लिए बैठकें कर रहे हैं, वहीं पुलिस द्वारा सोशल मीडिया की गहन निगरानी के बावजूद ये गीत सोशल मीडिया पर अपलोड किए जा रहे हैं और मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इस प्रकार के गानों में एक के बोल हैं, “हुआ सुरक्षित फैसला, सिर्फ सुनाना बाकी है, मथुरा काशी बाकी है, अयोध्या तो बस झांकी है.”

गाने के गायक संदीप आचार्य एक स्थानीय हिंदू युवा समूह के साथ जुड़े हैं और कई कार्यक्रमों में गाना गा चुके हैं. उनका खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है. गाने का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, “यह सरल भजन है और इसके बोल वही हैं, जिसका ज्ञान सभी को है. गाने में विवादित कुछ भी नहीं है.” उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि वह एक विशेष समुदाय को ‘काशी, मथुरा बाकी है’ की तर्ज पर डराने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “मेरे गाने लाखों लोगों की भावनाओं को उजागर करते हैं. अयोध्या एक ऐसा मामला है जो सभी के दिमाग में है और मेरे गाने इसी का प्रतिबिंब हैं.”

एक कंप्यूटर साइंस इंजीनियर प्रेम कृष्णवंशी ने भी इसी तरह का गाना गाया है. बोल इस प्रकार हैं, “मंदिर बनेगा जल्द ही सरयू के सामने, बरसों गुजारे तंबू में मेरे राम ने.” प्रेम ने कहा, “मैं बस राम मंदिर के समर्थन में हूं और यह सबसे बड़ी प्रेरणा है. मेरे भी मुस्लिम दोस्त हैं और उन्हें मेरे गाने से कोई आपत्ति नहीं है.”

अलीगढ़ के एक गायक दिनेश चंचल का भी गाना अयोध्या मामले पर आया है, जिसमें कहा गया है, “तेरी अयोध्या नगरी में रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे.” इस बीच अयोध्या के एक मुस्लिम व्यापारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, “1992 को जो हुआ (बाबरी मस्जिद का गिरना) इस प्रकार के गाने उसी की याद दिलाते हैं. निस्संदेह गीतों में अतिरंजना है और मेरे समुदाय के लोगों ने किराने का सामान और अन्य घरेलू आपूर्ति शुरू कर दी है क्योंकि उन्हें लगता है कि फैसले के बाद कुछ भी अप्रिय घटित हो सकता है.”

Also Read:

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें India Hindi की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts Cookies Policy.