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जगद्गुरु परमहंसा आचार्य को ताजमहल में जाने से रोकने पर बवाल, ASI ने दी सफाई

परमहंसा आचार्य को ताजमहल में प्रवेश से रोक दिया गया. अयोध्या के महंत जगद्गुरु परमहंसा आचार्य का कहना है कि उन्हें भगवा पहने होने के कारण ताजमहल में प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई, जबकि ASI ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि ब्रह्मदंड के साथ प्रवेश नहीं दिया गया. आगरा से Zee Media रिपोर्टर विवेक जैन की रिपोर्ट

Updated: April 27, 2022 10:18 AM IST

By Digpal Singh

जगद्गुरु परमहंसा आचार्य को ताजमहल में जाने से रोकने पर बवाल, ASI ने दी सफाई

आगरा : कभी बुलडोजर (Bulldozer) के कारण उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल आता है तो कभी हिजाब विवाद पर बहस चल निकलती है. कभी किसी खास इलाके से पलायन का मुद्दा सुर्खियां बनता है तो कभी मदिंरों-मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के कारण चर्चाओं का दौर निकल पड़ता है. अब एक नया विवाद अयोध्या के जगद्गुरु परमहंसा आचार्य को ताजमहल (Tajmahal) में प्रवेश करने से रोकने को लेकर हो गया है.

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दरअसल जगद्गुरु परमहंसा आचार्य अपने तीन शिष्यों के साथ ताज दीदार के लिए पहुंचे थे. उनका आरोप है कि भगवा वस्त्रों की वजह से सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें ताजमहल परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. हालांकि, इस पूरे मामले में भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) के सुप्रीटेंडेंट राजकुमार पटेल ने भी अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है कि ब्रह्मा दंड होने की वजह जगद्गुरू को ताजमहल में प्रवेश करने से रोका गया.

ASI सुप्रीटेंडेंट राजकुमार पटेल ने कहा, ‘सुरक्षाकर्मियों ने जगद्गुरु से ब्रह्मा दंड जमा करके ताजमहल परिसर में प्रवेश करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने बिना ब्रह्मा दंड के ताजमहल परिसर में जाने से इनकार कर दिया.’ जिस तरह से एक के बाद एक कई मुद्दों पर राजनीति गर्माने लगती है, उसे देखते हुए आशंका है कि इस मुद्दे पर भी राजनीति गर्मा सकती है.

परमहंस आचार्य का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि यहां एक विशेष मजहब के लोगों को महत्व दिया जाता है. इस वीडियो में उन्होंने कहा, दुनिया को ताजमहल के इतिहास के बारे में गलत बताया गया है. उन्होंने कहा, ताजमहल असल में भगवान शिव का मंदिर है, जिसे पहले तेजोमहालय नाम से जाना जाता था.

ज्ञात हो कि ताजमहल परिसर में किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक है. सिर्फ शुक्रवार के दिन ताजमहल के अंदर बनी मस्जिद में ही नमाज अदा करने की इजाजत दी जाती है.

अब देखना होगा कि उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन और ASI इस मामले को कैसे सुलझाते हैं. गौरतलब है कि ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनाया था. हालांकि जगद्गुरु परमहंसा आचार्य सहित कई संगठनों का मानना है कि यहां पर पहले तेजोमहालय नाम से भगवान शंकर का मंदिर था.

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Published Date: April 27, 2022 10:18 AM IST

Updated Date: April 27, 2022 10:18 AM IST