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Azam Khan Left Samajwadi Party: उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों गर्म है. राज्य की राजनीति के केंद्र में आजम खान हैं. आजम खान जो कि सीतापुर जेल में बंद हैं वे इन दिनों समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनकी नाराजगी की बात तब सामने आई जब दूसरे दल के नेता जेल में आजम खान से मिलने के लिए पहुंचने लगे. आजम खान से शिवपाल यादव समेत कई नेताओं ने मुलाकात की है. हाल ही में कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने उनसे मुलाकात की. ऐसे में अब आजम खान की नाराजगी सामने आ चुकी है. लेकिन अब देखना यह है कि आजम खान के पास क्या-क्या राजनीतिक विकल्प है.
सीतापुर जेल में 26 महीने से बंद आजम खान को लेकर बीते दिनों यह कहा जा रहा था कि अगर नेताजी चाहते तो उन्हें जेल से बाहर निकला जा सकता था. लंबे वक्त से जेल में बंद आजम खान से मिलने के लिए अखिलेश यादव एक भी बार जेल नहीं गए. वहीं उनकी पार्टी भी आजम खान की रिहाई के लिए लड़ती नजर नहीं आई. ऐसे में आजम खान के जेल से बाहर आने से पहले सियासी पारा गर्म है. पिछले 6 दिन में आजम खान और उनके परिवार से कई दिग्गज नेता मुलाकात कर चुके हैं.
आजम खान और शिवपाल यादव दोनों ही कभी एक ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से थे जो कि पार्टी की अहम भूमिकाओं का निर्वहन करते थे. वहीं दोनों नेताओं की अखिलेश यादव से नाराजगी है. शिवपाल यादव दोबारा प्रगतिशील पार्टी को खड़ा करने की फिराक में हैं. शिवपाल यादव भी अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. वहीं बीते दिनों वे आजम खान से मिलने शिवपाल यादव जेल भी गए थे.
मुसलमानों के लिए हर मोर्चे पर लड़ रही AIMIM लगातार योगी-मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करते रहे हैं. मुसलमानों में भी ओवैसी भाईयों का खूब बोलबाला है. वहीं आजम खान की राजनीति के केंद्र में भी मुसलमान रहे हैं. बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी लगातार आजम खान को अपनी पार्टी में आने का न्यौता दे रहे हैं.
राज्य में खस्ताहाल चल रही कांग्रेस पार्टी को अपनी जमीन तैयार करने में आजम खान मददगार साबित हो सकते हैं. बीते दिनों आजम खान से मिलने के कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम जेल पहुंचे थे. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि आजम खान कांग्रेस पार्टी में भी शामिल हो सकते हैं.
आजम खान के परिवार से आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर मुलाकात की. इस दौरान जयंत ने कहा कि आजम खान से उनके परिवार का संबंध काफी पुराना है. उनके पिता चौधरी अजीत सिंह उनके बहुत अच्छे दोस्त थे. ऐसे में उनकी जिम्मेदारी थी कि वे उनसे मिलने जाएं.
विधानसभा चुनाव में बसपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा है. वहीं मुसलमानों को टिकट देने में मायावती आगे रहीं. फिलहाल बसपा के पास कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं है. ऐसे मे आजम खान को बसपा साध सकती है.
आजम खान अगर समाजवादी पार्टी से अलग होते हैं तो वे खुद की पार्टी भी बना सकते हैं. आजम खान अपनी पार्टी बनाकर भाजपा के खिलाफ ताल ठोक सकते हैं.
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