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यूपी के ग्रामीणों ने गावों में प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना, पूरा गांव क्वारंटीन
यहां बछलोटा गांव में ग्राम प्रधान की इजाजत के बगैर गांव में प्रवेश करने पर 5000 रुपये जुर्माना लगाने की घोषणा की गई है.
लखनऊ: कोरोना वायरस के खिलाफ यूपी में सरकार की तरफ से आक्रामक कार्रवाई की जा रही है. वहीं यूपी से आई एक खबर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. राज्य सरकार व प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का असर यहां के गांवों तक में फैल चुका है. गांवों में जागरूकता इस हद तक पैदा हो गई है कि गाववालों ने बाहरी लोगों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया है. यही नहीं गांव के रास्ते पर बैरिकेड्स भी लगा दिए गए हैं साथ ही बाहर से आने वाले लोगों को लेकर गांववालों की तरफ से खास सतर्कता बरती जा रही है. कुछ ऐसा ही मामला हापुड जिले में देखने को मिला. यहां बछलोटा गांव में ग्राम प्रधान की इजाजत के बगैर गांव में प्रवेश करने पर 5000 रुपये जुर्माना लगाने की घोषणा की गई है. हालांकि इसकी सूचना पाकर पुलिस ने इस पूरे मामले में हस्तक्षेप किया. जिसके बाद इस नोटिस को हटा लिया गया लेकिन बैरिकेड्स वैसे ही लगे हुए हैं.
ग्राम प्रधान जसवीर ने कहा, “गांव में घुसने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक उपाय के रूप में जुर्माने का उपयोग करना चाहते थे. हम उन लोगों को ट्रैक करते रहेंगे जो गांव में आएंगे. हम पुलिस को इसकी सूचना भी देंगे.” सुल्तानपुर जिले के अर्जुनपुर गांव में भी यहां की प्रधान कमला चौहान ने भी गांव प्रवेश बिंदुओं पर रोक लगा दी है. ग्रामीणों ने सभी वाहनों की आवाजाही को रोकने के लिए गांव को बाजार से जोड़ने वाली सड़क पर लगे रेलवे लाइन के फाटक को बंद करवा रखा है. सुल्तानपुर में अभी तक कोई भी कोरोना पॉजिटिव मामले की रिपोर्ट नहीं आई है, लेकिन ग्रामीण कोई चांस लेना नहीं चाहते. यहां के जो दो निवासी चंडीगढ़ से अपने घर वापस आने में कामयाब रहे, उन्हें भी एक स्थानीय स्कूल में क्वारैंटाइन में रखा गया है.
लखनऊ के बाहरी इलाके में बसे मोहनलालगंज गांव ने भी बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. स्थानीय निवासी विजेंद्र चौरसिया ने कहा, “यहां तक कि स्थानीय निवासियों के रिश्तेदारों को भी यहां आने नहीं दिया जा रहा क्योंकि हम नहीं चाहते कि घातक वायरस यहां फैले. पूरा गांव क्वारैंटाइन में है और लोग सामाजिक दूरी बनाए हुए हैं. हम एक-दूसरे को मदद कर रहे हैं.”
बस्ती जिले में, बस्ती-गोरखपुर राजमार्ग पर कम से कम तीन गांवों ने बाहरी लोगों के प्रवेश की जांच के लिए बेरिकेडस लगाए हैं. इस इलाके में एक फार्महाउस के मालिक बलवंत ने कहा, “जब प्रवासी अपने घरों को लौटने लगे, तो स्थानीय लोगों ने ये बेरिकेड्स लगाए. उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि दूसरे लोग संक्रमित हों. जो लोग लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से लौटे हैं, वे आश्रय घरों में रह रहे हैं.”
(इनपुट-आईएएनएस)
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