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Babri Masjid DemolitionVerdict: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को Babri Masjid के विवादित ढांचा विध्वंस मामले की 28 वर्ष तक चले मामले में आज बुधवार आए फैसले पर शिवसेना ने अपनी प्रतिक्रिया जताई है. शिवसेना के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा- फैसले ने कहा कि विध्वंस एक साजिश और परिस्थितियों का परिणाम नहीं था, यह अपेक्षित निर्णय था. हमें उस एपिसोड को भूलना चाहिए. अगर बाबरी मस्जिद को ध्वस्त नहीं किया गया तो हमने राम मंदिर के लिए कोई भूमि पूजन नहीं देखा होता.
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा, मैं और मेरी पार्टी शिवसेना फैसले का स्वागत करते हैं और आडवाणी जी, मुरली मनोहर जी, उमा भारती जी और मामले में बरी हुए लोगों को बधाई देते हैं.
I and my party Shiv Sena, welcome the judgment and congratulate Advani ji, Murli Manohar ji, Uma Bharti ji & the people who have been acquitted in the case: Sanjay Raut, Shiv Sena, on the #BabriMasjidDemolitionVerdict https://t.co/WOQAtoYkXQ
— ANI (@ANI) September 30, 2020
बता दें कि शिवसेना अयोध्या के मुद्दे पर मुखर रही थी और पार्टी नेतृत्व उसके कार्यकार्ताओं की इसमें सक्रिय भागीदारी रही थी.
बता दें कि 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस मामले की 28 वर्ष तक सुनवाई चली. इसके बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने इस आपराधिक मामले में बुधवार को फैसला सुनाया. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.के. यादव ने लाकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार समेत सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि विवादित ढांचा विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. सिर्फ तस्वीरों से आरोपियों के घटना में शामिल होने का सबूत नहीं मिल जाता. यह कहते हुए कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया.
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