
Keshav Prasad Maurya: अखबार डालने से उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तक, ऐसा है केशव प्रसाद मौर्य का Profile
केशव प्रसाद मौर्य एक समय पढ़ाई के साथ-साथ अखबार डालने का काम भी करते थे. वर्षों तक वह आरएसएस में रहे और भाजपा के संगठन में भी काम किया. दो बार हारने के बाद, साल 2012 में तीसरी बार भी तीसरी बार सिराथु सीट से चुनाव लड़े और इतिहास में पहली बार यह सीट बीजेपी की झोली में गई. बाद में लोकसभा चुनाव भी जीते, लेकिन उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनने के लिए इस्तीफा दे दिया. 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद एक समय उनका नाम मुख्यमंत्री पद की रेस में भी था.

Keshav Prasad Maurya Profile: केशव प्रसाद मौर्य वरिष्ठ भाजपा (BJP) नेता हैं और उनका राजनीतिक करियर भले करीब 20 वर्ष का दिखता हो, लेकिन वह समाजिक जीवन में लंबे समय से हैं. वह काफी कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल (VHP – Bajrang Dal) से जुड़ गए थे. उन्होंने आरएसएस में नगर कार्यवाह के तौर पर काम किया और विश्व हिंदू परिषद में वह प्रांत संगठन मंत्री व अन्य पदों पर भी रह चुके हैं. वह गौरक्षा आंदोलन से जुड़े रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन (Ram Janmbhoomi Movement) में भी उन्होंने भाग लिया. भारतीय जनता पार्टी में केशव प्रसाद मौर्य काशी के क्षेत्रीय में पिछड़ा वर्ग सेल के कोऑर्डिनेटर भी रहे और उन्होंने बीजेपी किसान मोर्चा में भी सक्रिय भूमिका निभाई है. एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले केशव प्रसाद उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीति में ओबीसी वर्ग का एक बड़ा चेहरा (OBC Face of UP’s Politics) हैं. वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन में चाय की दुकान भी चलाई है और अखबार बांटने का काम भी किया है.
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केशव प्रसाद मौर्य का व्यक्तिगत जीवन और पढ़ाई लिखाई (Keshav Prasad Maurya’s Personal Life and Educational Qualification)
केशव प्रसाद मौर्य का जन्म 7 मई 1969 को उत्तर प्रदेश में कौशांबी जिले के सिराथु में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम श्यामलाल मौर्य और मां का नाम धनपति देवी था. उन्होंने प्रयागराज (इलाहाबाद) के हिंदी साहित्य सम्मेलन से साल 1997 में हिंदी साहित्य में ग्रेजुएशन की डिग्री ली. पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने अखबार बेचने और चाय की दुकान चलाने का काम भी किया था. केशव प्रसाद मौर्य की पत्नी का नाम राजकुमारी देवी है और उनके दो बच्चे हैं.
केशव प्रसाद मौर्य का राजनीतिक सफर (Political Career of Keshav Prasad Maurya)
केशव प्रसाद मौर्य का सार्वजनिक जीवन आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से शुरू हुआ था. उन्हें VHP के अशोक सिंघल का काफी करीबी माना जाता था. लेकिन उनकी राजनीतिक पारी बीजेपी में काशी क्षेत्र के पिछडा वर्ग सेल के कोऑर्डिनेटर के तौर पर हुई. वह बीजेपी किसान मोर्चा में भी रहे. साल 2002 में वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े. सिराथु सीट पारंपरिक तौर पर बसपा की रही है और केशव प्रसाद मौर्य को अपनी पहली कोशिश में हार का मुंह देखना पड़ा. भाजपा ने साल 2007 के विधानसभा चुनाव में भी उनपर विश्वास जताया, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर केशव प्रसाद मौर्य को ही सिराथु सीट से टिकट दी. अपनी इस तीसरी कोशिश में उन्होंने जीत दर्ज की और यह पहली बार था, जब बीजेपी के किसी उम्मीदवार को इस सीट पर जीत मिली. इस पहली जीत के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश की फूलपुर सीट से उम्मीदवार बनाया और उन्हें 5 लाख से भी ज्यादा वोट मिले और उन्होंने अपने करीबी सपा उम्मीदवार को तीन लाख से ज्यादा मत से हराया. इस लोकसभा चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को कुल मतदान के 52 फीसद वोट पड़े और वह लोकसभा पहुंचे. साल 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में भाजपा ने साल 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और ऐतिहासिक जीत दर्ज की. इस जीत के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. हालांकि, पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया और केशव प्रसाद को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. उपमुख्यमंत्री बनने के लिए उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना पड़ा और वह उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद के लिए चुने गए. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी ने एक बार फिर केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू सीट से उम्मीदवार बनाया है.
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केशव प्रसाद मौर्य की कुल संपत्ति (Keshav Prasad Maurya’s Net Worth)
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव आयोग में जो हलफनामा दिया था, उसके अनुसार उनके पास कुल 9 करोड़ 32 लाख से ज्यादा की संपत्ति है. इसी हलफनामे के अनुसार उन पर 2 करोड़ 62 लाख से ज्यादा की देनदारी भी है. साल 2012-13 की अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में केशव प्रसाद ने 14 लाख 36 हजार से ज्यादा की आय दर्शायी थी. 2012-13 की इनकम टैक्स रिटर्न में उनकी पत्नी ने 2 लाख 11 हजार से ज्यादा की आय दिखायी थी. चुनावी हलफनामे के अनुसार केशव प्रसाद मौर्य प्रोपराइटर और डायरेक्टर के साथ ही जीवन ज्योति क्लीनिक व अस्पताल में पार्टनर भी हैं और यह उनकी आमदनी का स्रोत है. उनकी पत्नी भी जीवन ज्योति क्लीनिक और हॉस्पिटल की डायरेक्टर, अकाउंटेंट और पार्टनर हैं. इसके अलावा केशवर प्रसाद मौर्य को पूर्व सांसद के दौर पर और पेंशन और मौजूदा विधायक व उपमुख्यमंत्री के तौर पर (Keshav Prasad Maurya’s Salary) मानदेय भी मिलता है.
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केशव प्रसाद मौर्या के खिलाफ दर्ज केस (Cases against Keshav Prasad Maurya)
साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय दायर अपने चुनावी हलफनामे में केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि उन पर अलग-अलग धाराओं में कुल 11 मामले चल रहे हैं. इनमें 11 मामलों में केशव प्रसाद मौर्य पर आईपीसी की 143, 188, 283, 341, 302, 120B, 153A, 148, 153, 352, 323, 504, 506, 295A, 420, 467, 465, 171, 392, 353, 186, 147, 332, 427, 380, 332, 336, 427, 341 धाराएं लगाई गई हैं.
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