
किसान आंदोलन: पश्चिमी यूपी में तीन दिन में तीसरी महापंचायत, ‘सर्व खाप पंचायत’ में जुटे हजारों लोग
यहां तहसील मैदान पर हुई ‘सर्व खाप पंचायत’ में आसपास के जिलों से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर किसान बड़ी संख्या में पहुंचे.

Kisan Andolan: दिल्ली की सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का विस्तार अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी होता दिख रहा है जहां रविवार को बागपत में आयोजित महापंचायत में हजारों लोग शामिल हुए. इस क्षेत्र में तीन दिनों के अंदर यह ऐसा तीसरा आयोजन था.
Also Read:
- यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, काम पर नहीं लौटने पर सरकार ने दी एस्मा और एनएसए लगाने की चेतावनी
- यूपी के संभल में कोल्ड स्टोरेज की छत गिरने से 8 लोगों की मौत, NDRF ने 17 लोगों को बचाया, 4 लोग हिरासत में
- तमिलनाडु में हाथियों के हमले के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, मुद्दो को तुरंत हल करने का आग्रह किया
यहां तहसील मैदान पर हुई ‘सर्व खाप पंचायत’ में आसपास के जिलों से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर किसान बड़ी संख्या में पहुंचे. कई ट्रैक्टरों पर तो तेज आवाज में संगीत बज रहा था और बहुतों पर तिरंगे के साथ किसान संघों का झंडा भी लगा था.
शुक्रवार को मुजफ्फरनगर और शनिवार को मथुरा के बाद यह क्षेत्र में किसानों की तीसरी महापंचायत थी. मुजफ्फरनगर व मथुरा में हुई महापंचायत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में होने वाले विरोध प्रदर्शन को समर्थन व्यक्त किया गया.
भाकियू नेता राजेंद्र चौधरी ने यहां मौजूद लोगों से कहा, “आंदोलन पूरी ताकत के साथ जारी रहना चाहिए.” कार्यक्रम में शामिल हुए बड़ौत के एक स्थानीय निवासी ने बताया कि महापंचायत में 26 जनवरी को बागपत जिले में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर भी चर्चा हुई.
रविवार को हुई ‘सर्व खाप महापंचायत’ में पहुंचने वाले प्रमुख क्षेत्रीय किसान नेताओं में देश खाप के चौधरी सुरेंद्र सिंह और चौबीसी खाप के चौधरी सुभाष सिंह शामिल थे. इसके अलावा अजीत सिंह के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के समर्थक भी महापंचायत में मौजूद थे.
एक स्थानीय नेता ने मंच से भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, “बेशक दिल्ली में पुलिस वालों ने किसानों को डंडे मारे हों, पर हम आज भी ‘जय जवान जय किसान’ बोलते हैं.” उन्होंने कहा, “जो कुछ भी हो उसका जवाब हम अहिंसा से देंगे, हिंसा से नहीं. प्रदर्शन स्थल पर हमारे नेता और हमारे पंच (पंचायत के नेता) फैसला करेंगे और हम उसका पालन करेंगे.”
गणतंत्र दिवस पर ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के बाद ऐसा लग रहा था कि किसान आंदोलन ठंडा पड़ जाएगा लेकिन भाकियू नेता राकेश टिकैत की भावनात्मक अपील ने इसमें नई जान फूंक दी और गाजीपुर स्थित प्रदर्शन स्थल पर हजारों की संख्या में किसान जुट गए और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आयोजित हो रही महापंचायतों में भी किसानों की काफी भीड़ जुट रही है.
(इनपुट भाषा)
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. India.Com पर विस्तार से पढ़ें उत्तर प्रदेश समाचार की और अन्य ताजा-तरीन खबरें