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Lakhimpur Kheri Case: जमानत मिलने के बाद भी आशीष मिश्रा की आज नहीं हो सकी रिहाई, दो रात और जेल में गुजारनी पड़ेगी
Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शर्तों के साथ आठ हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की आज (25 जनवरी) जेल से रिहाई नहीं हो सकी.
Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शर्तों के साथ आठ हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद भी लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की आज (25 जनवरी) जेल से रिहाई नहीं हो सकी. इसका मतलब यह हुआ कि उसे दो रात और जेल में ही गुजारना पड़ेगा. कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देते हुए कहा कि फिलहाल आशीष को 8 हफ्ते के लिए रिहा किया जा रहा है, लेकिन शर्तों के उल्लंघन पर जमानत रद्द हो सकती है. रिहाई के साथ-साथ कोर्ट ने यह शर्त भी रखी है कि उसे एक हफ्ते के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. वह फिलहाल दिल्ली में भी नहीं रह सकता. उधर, जमानत का आदेश जेल नहीं पहुंचने की वजह से आशीष मिश्रा की आज रिहाई नहीं हो सकी.
Lakhimpur Kheri | Ashish Mishra’s release order has not yet been received and hence he will not be released today. I think the release order will not come tomorrow due to #RepublicDay. Whenever we get the order for his release, he will be released: Jail Superintendent VK Mishra https://t.co/D6qkQHqTTG pic.twitter.com/hC0JeCTgwz
— ANI (@ANI) January 25, 2023
जेल सुपरिटेंडेंट वीके मिश्रा के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI ने बताया, ‘आशीष मिश्रा की रिहाई का आदेश अभी तक नहीं मिला है. इसलिए उन्हें आज रिहा नहीं किया जाएगा. मुझे लगता है कि गणतंत्र दिवस के चलते कल रिलीज ऑर्डर नहीं आएगा. जब भी हमें उसकी रिहाई का आदेश मिलेगा, उसे छोड़ दिया जाएगा.’
यूपी और दिल्ली में नहीं रह सकेंगे
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की पीठ ने निर्देश दिया कि आशीष अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान न तो उत्तर प्रदेश और न ही दिल्ली में रह सकेगा. पीठ ने कहा कि वह न्याय के हित को आगे बढ़ाने के लिए और एक तरह से ‘प्रायोगिक आधार’ पर यह फैसला करने के लिए कुछ अंतरिम निर्देश जारी कर रही है कि राज्य और अन्य द्वारा जताई गई आशंकाओं में कोई दम है या नहीं. पीठ ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का स्वत: प्रयोग किया और चार आरोपियों (गुरुविंदर सिंह, कमलजीत सिंह, गुरुप्रीत सिंह और विचित्र सिंह) को अगले आदेश तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया. इन आरोपियों को एक अलग प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था.
…तो रद्द हो जाएगी जमानत
सर्वोच्च अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता (आशीष मिश्रा) को निचली अदालत की संतुष्टि के अनुसार मुचलका जमा करने पर शुरुआत में आठ सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है.’ उसने कहा, ‘जिन गवाहों को अभी बयान देना है, उन्हें किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव से दूर रखने के लिए याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत पर उसकी रिहाई की तारीख से एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश राज्य छोड़ने का निर्देश दिया जाता है.’ उसने कहा, ‘याचिकाकर्ता, उसके परिवार या समर्थकों द्वारा गवाहों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने या धमकाने की कोई भी कोशिश किए जाने पर अंतरिम जमानत रद्द कर दी जाएगी.’
सौंपना होगा पासपोर्ट
पीठ ने कहा कि आशीष निचली अदालत को अपना पासपोर्ट सौंपेगा और केवल निचली अदालत की सुनवाई में शामिल होने के लिए ही उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा. न्यायालय ने कहा कि आशीष उसकी रिहाई से एक सप्ताह के भीतर निचली अदालत एवं संबंधित पुलिस थाने को यह बताएगा कि वह अंतरिम जमानत की अवधि में किस स्थान पर रहेगा. पीठ ने कहा कि वह सप्ताह में एक बार उस पुलिस थाने में अपनी हाजिरी लगाएगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में अंतरिम जमानत की अवधि के समय उसका निवास स्थान आएगा. उसने कहा कि किसानों को कथित रूप से कुचलने वाली एसयूवी में सवार तीन लोगों की हत्या के एक अन्य मामले के चार आरोपियों को भी निचली अदालत की संतुष्टि के अनुसार मुचलका जमा करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए.
क्या है मामला
लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का किसानों द्वारा विरोध किए जाने के दौरान तीन अक्टूबर, 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक एसयूवी ने चार किसानों को कुचल दिया था और इस एसयूवी में आशीष बैठा था. इस घटना के बाद एसयूवी के चालक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो कार्यकर्ताओं को गुस्साए किसानों ने कथित रूप से पीट-पीट कर मार डाला था. हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने पिछले साल 26 जुलाई को आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. मामले में आशीष मिश्रा के अलावा 12 अन्य आरोपियों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राणा, शिशु पाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं.
(इनपुट: ANI,भाषा)
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