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लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद आशीष मिश्रा ने किया सरेंडर, किसानों की हत्या का है आरोप

Lakhimpur Kheri Violence Latest Update: सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra) के पुत्र आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया है.

Published: April 24, 2022 3:59 PM IST

By Parinay Kumar

Lakhimpur Kheri Case
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Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी हिंसा में किसानों की हत्या के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) ने सरेंडर कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत रद्द होने के बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra) के पुत्र आशीष मिश्रा ने सरेंडर कर दिया है. बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करते हुए एक हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था. मालूम हो कि बीते 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत द्द कर दी और उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा था.

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न्यायालय ने कहा कि पीड़ितों को जांच से लेकर आपराधिक मुकदमे की समाप्ति तक कार्यवाही में हिस्सा लेने का ‘निर्बाध’ अधिकार है. शीर्ष अदालत ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में ‘पीड़ितों’ को निष्पक्ष एवं प्रभावी तरीके से नहीं सुना गया, क्योंकि उसने (उच्च न्यायालय ने) ‘साक्ष्यों को लेकर संकुचित दृष्टिकोण अपनाया.’

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि उच्च न्यायालय ने अप्रासंगिक विवेचनाओं को ध्यान में रखा और प्राथमिकी की सामग्री को अतिरिक्त महत्व दिया. शीर्ष अदालत ने प्रासंगिक तथ्यों और इस तथ्य पर ध्यान देने के बाद, कि पीड़ितों को सुनवाई का पूरा अवसर नहीं दिया गया था, गुण-दोष के आधार पर नए सिरे से सुनवाई के लिए जमानत अर्जी को वापस भेज दिया. न्यायालय ने कहा था कि उच्च न्यायालय का आदेश बरकरार नहीं रखा जा सकता और यह निरस्त करने के लायक है. इसने यह भी कहा था कि यदि लखीमपुर खीरी की घटना आरोपों के अनुरूप सच है तो यह सरकारी अधिकारियों के लिए ‘नींद से जगाने वाली’ घटना है कि वह पीड़ितों के परिजनों के साथ-साथ चश्मदीद/घायल गवाहों की जान, स्वतंत्रता और सम्पत्ति की पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध करायें.

मालूम हो कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे. यह हिंसा तब हुई थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे. उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक वाहन जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे, उसने चार किसानों को कुचल दिया था. घटना के बाद गुस्साए किसानों ने वाहन चालक और दो भाजपा कार्यकर्ताओं को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था. इस दौरान हुई हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी. केंद्र के अब निरस्त किए जा चुके कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे विपक्षी दलों और किसान समूहों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश था.

(इनपुट: ANI,भाषा)

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